Published on March 31, 2022 1:14 pm by MaiBihar Media
मौजूदा शराबबंदी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को विधानसभा में हरी झंडी मिल गयी। अब शराब मामलों का ट्रायल एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी कर सकेंगे। यही नहीं पहली बार गाड़ी पकड़े जाने पर उसे जब्त करने की बजाए जुर्माना लेकर उसे छोड़ा जा सकेगा। इसमें बड़े और मालवाहक वाहन शामिल नहीं होंगे। प्राइवेट छोटी गाड़ियों, जिसमें कम मात्रा में शराब मिलेगी, उसे ही यह छूट मिलेगी। यह अधिकार कलक्टर को दिया गया है। उन्हें जब्त किये गये किसी पशु, वाहन, बर्तन या अन्य सवारी को जुर्माना के आधार पर छोड़ने का अधिकार दिया गया है।
नशे में मिले तो तत्काल होगी गिरफ्तारी
नए प्रावधान के तहत कोई व्यक्ति किसी स्थान या परिसर या बाहर में नशे की अवस्था में पाया जाता है तो उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद निकट के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने 24 घंटे के अंदर पेश किया जाएगा। यहां उसे तय जुर्माना देना होगा। यदि वह जुर्माने का भुगतान कर देता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा। लेकिन, जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर उसे 1 माह के साधारण कारावास की सजा मिलेगी। हालांकि बार-बार इस तरह का अपराध करने पर उसे अतिरिक्त जुर्माना देना होगा या कारावास होगी या फिर जुर्माना और जेल दोनों हो सकता है।
पुलिस पदाधिकारी या उत्पाद पदाधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट लिखित में कारणों को देख जुर्माना भुगतान करने पर भी छोड़ने से इंकार कर सकते हैं। वह उसे किसी तरह की कस्टडी में भी भेज सकता है।
संशोधन के प्रावधान के अनुसार जब्त की गई शराब को अब किसी वजह से सुरक्षित ले जाना संभव नहीं है तो उसे बरामदगी वाली जगह पर ही जिलाधिकारी के निर्णय या उसके द्वारा प्राधिकृत किसी पदाधिकारी को नष्ट करने का आदेश देने का अधिकार होगा।