Published on August 5, 2021 8:24 pm by MaiBihar Media

अयोध्या

अयाेध्या में निर्माणधीन श्रीराम मंदिर दिसंबर 2023 में भक्तों के दर्शन के लिए खाेल दिया जाएगा। जिससे श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में रामलला के दर्शन कर सकेंगे। लंबे अरसे बाद रामभक्तों का यह उम्मीद पूरा होने जा रहा है। राम मंदिर द्वार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2023 में उद्घाटन करेंगे। उसके बाद रामलला के दर्शन के साथ-साथ मंदिर की दूसरी और तीसरी मंजिल का निर्माण जारी रहेगा।

गौरतलब हो कि उक्त जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दी है। ट्रस्ट ने बुधवार काे बताया कि 2023 तक गर्भगृह और पहले तल का काम पूरा हो जाएगा। 2025 तक मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं, खबर यह भी है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नींव पूजन के एक साल पूरा हाेने पर यज्ञ करेगा। इस यज्ञ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अयाेध्या में मंदिर निर्माण का निरीक्षण करेंगे।

यह भी पढ़ें   देश में सबसे अधिक बौद्ध धर्म के लोग साक्षर और सशक्त, जानिए डिटेल्स

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को राम मंदिर का भूमिपूजन और शिलान्यास किया था। इसके एक साल पूरे हाेने की पूर्व संध्या पर ट्रस्ट ने मंदिरर निर्माण की प्रगति की जानकारी दी। ट्रस्ट के अनुसार नींव का 60% से ज्यादा निर्माण हाे चुका है। सितंबर के अंत तक नींव का काम पूरा हाेने और उसके बाद प्लिंथ का काम शुरू होने की उम्मीद है। प्लिंथ के लिए मिर्जापुर से पत्थर लाए जा रहे हैं। पत्थर तराशने वाले कारीगरों ने भी काम शुरू कर दिया है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया, नींव का काम पूरा होने में डेढ़-दो महीने और लगेंगे। मुख्य मंदिर के लिए बंशी पहाड़पुर की खदान खुलने का इंतजार है। पत्थर निकलने का काम शुरू होते ही पत्थरों की नक्काशी और तराशी का टेंडर किया जाएगा। मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और हर तल की ऊंचाई 20 फीट होगी। मंदिर के भूतल पर 160 स्तंभ, पहले तल पर 132 स्तंभ और दूसरे तल पर 74 स्तंभ होंगे।

यह भी पढ़ें   सिमुलतला : छठी कक्षा में नामांकन के लिए जानिए कब होगी प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा

ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए एक साल में कई प्रयोग किए। 1200 भूमिगत स्तंभों से नींव बनाने की कोशिश नाकाम हुई। इसके बाद परंपरागत मंदिर निर्माण के तरीके के मुताबिक जमीन खोदकर बालू-सीमेंट भरकर नींव तैयार करने का निर्णय लिया गया। मंदिर निर्माण में करीब 4 लाख घनफीट बंशी पहाड़पुर का गुलाबी पत्थर लगना है। परकोटे में करीब 4 लाख घनफीट पत्थर लगेंगे। कम्प्यूटराइज्ड मशीनों से पत्थर तराशने वाली कंपनी के मालिक किरन त्रिवेदी ने कहा, ‘इतने अधिक पत्थरों की परंपरागत तराशी में यदि एक हजार कारीगर काम करें, तो 10 साल लगेंगे। कम्प्यूटराइज्ड न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) मशीनों से काम 3 साल में हो सकता है। सीएनसी मशीनें कारीगरों का 90% काम कर देती है।’ त्रिवेदी वाराणसी में बन रहे विश्वनाथ धाम कॉरीडोर में पत्थरों की नक्काशी भी कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें   धूमधाम से मनाया जा रहा है गणेश चतुर्थी, उद्धव और फडणवीस ने भी की पूजा-अर्चना
close

Hello 👋
Sign up here to receive regular updates from MaiBihar.Com

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.