Published on January 8, 2022 10:51 am by MaiBihar Media
पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर राजनितिक गलियारों में काफी गहमागहमी का माहौल है। एक तरफ कांग्रेस इस पूरे मामले को बेवजह तुल देने की बात कह रही है। वहीं बीजेपी इस पंजाब मौजूदा कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगा रही है। इसकी कड़ी में सुरक्षा में चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को यात्रा से जुड़े सारे रिकार्ड तत्काल संरक्षित करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमना की पीठ ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक निर्देश दिया केंद्र और राज्य सरकार की जांच कमेटी और जांच एजेंसियां इसकी जांच नहीं करेंगी। हालांकि इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने शुक्रवार सुबह पीएम के रूट का जायजा लिया अाैर सुरक्षा में तैनात अफसराें से पूछताछ की। एनजीओ लायर्स वाॅयस ने सुरक्षा में चूक की जांच के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब इस मामले में सुनवाई सोमवार को हाेगी। शुक्रवार काे केंद्र सरकार की अाेर से पेश सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पंजाब पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रही थी। उन्होंने पीएम के काफिले की वार्निंग कार को प्रदर्शनकारियों के सड़क जाम करने की जानकारी नहीं दी। मेहता ने कहा, यह क्रॉस बार्डर आतंकवाद का मामला भी हो सकता है। यह रेयर आॅफ रेयरेस्ट मामला है। पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी हुई है। इसकी जांच एनआईए को सौंपनी चाहिए। पंजाब सरकार ने जो कमेटी गठित की है, उसमें राज्य के एक सचिव हैं जो सरकार के दबाव में आ सकते हैं। केंद्र सरकार ने जांच की याचिकाकर्ता की मांग का समर्थन किया। शुक्रवार को गृह मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम फिरोजपुर पहुंची। उसने सुरक्षा में तैनात 14 अधिकारियों काे दस्तावेजाें सहित बीएसएफ कैंप में तलब कर पूछताछ की। बठिंडा व फिरोजपुर के 4-5 वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय के सुरक्षा सचिव सुधीर सक्सेना, आईबी के जाॅइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह अाैर एसपीजी के आईजी एस सुरेश की टीम ने पुलिस अाैर प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्यारेआना गांव के फ्लायअाेवर का जायजा लिया। जहां प्रदर्शनकारी बैठे थे। दाेपहर में टीम शहीदी स्मारक हुसैनीवाला पहुंची अाैर वीडियोग्राफी की। केंद्रीय टीम ने डीजीपी सहित 14 अधिकारियों को बुलाया था। हालांकि डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय नहीं पहुंचे। पंजाब सरकार ने पूरे मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय काे रिपाेर्ट दे दी है।