Published on December 19, 2021 9:23 pm by MaiBihar Media

एनडीए के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(से.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लगातार विवादित बयान देकर सुर्खियों में हैं। विगत दो दिन पहले ही मांझी ने शराबबंदी पर सरकार के नीतियों के खिलाफ बयान दिया था। अब मांझी ने पूजा पाठ कराने वाले ब्राह्मणों के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल कर नया बवाल खड़ा कर दिया। मामला तूल पकड़ता देख मांझी की पार्टी आनन-फानन में डैमेज कंट्रोल में उतर आई और फिर मांझी को खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी। बता दें कि इससे पहले मांझी ने पहले भगवान राम और रामायण पर विवादित बयान देकर हंगामा खड़ा कर चुके हैं। खैर, चलिए जानते हैं आखिर मांझी ने ऐसा क्या कहा कि जिसपर बिहार की सियासत गरमा गई….

दरअसल, मांझी का एक वीडियो रविवार को वायरल हो गया। इसमें मांझी एक सभा मे लोगों को संबोधित करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान मांझी ने कहा है कि सत्यनारायण पूजा का नाम हमलोग नहीं जानते थे लेकिन सा &#& … अब हर जगह हमलोग के टोला में सत्यनारायण स्वामी की पूजा होती है। आ, इतनो भी शर्म लाज नहीं लगता है हमलोगों को कि पंडित  ह &#& मी  आते हैं त नहीं खाएंगे बाबू नगदे दे दीजिए…नगदे दे दीजिए…।

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मांझी के इस बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि मांझी जी ने हिन्दू धर्म को नीचा दिखाने का जो कुकृत्य किया गया है वो अक्षम्य है। ब्राह्मणों और हिन्दू धर्म के प्रति ओछी टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री तुंरत सार्वजनिक माफी मांगे। भरे मंच से ब्राह्मणों को सार्वजनिक तौर पर गाली देने का अधिकार उन्हें एनडीए के दम से मिल रहा है। उन्हें सलाह है कि अनुचित शब्दों के प्रयोग करने और जाति विशेष पर टिप्पणी करने से बचें अन्यथा जनता द्वारा गम्भीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।

वहीं कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने घोर निंदा करते हुए चेताया कि ऐसी घटनाओं की प्रतिक्रिया भी हो सकती है। कहा- इस मसले पर सरकार चुप क्यों हैं। वो गाली देकर भी गिरफ्तार होने के बजाय पुलिस सुरक्षा में कैसे हैं। एक जाति समुदाय विशेष के प्रति ऐसे गंदी भाषा और गाली का प्रयोग करने वाले मांझी अब तक एनडीए में कैसे बने हुए हैं। सरकार को चाहिए कि बिना विलंब किये मांझी को एनडीए से बाहर करें। इसके अलावे राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी और लोजपा(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद ने कड़ी आलोचना की।

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मांझी के इस वायरल बयान के बाद बवाल खड़ा हो गया। मांझी की पार्टी की ओर से पहले राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान आये और कहा कि मांझी जी के बयान को शरारती तत्वों के द्वारा तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा हैं। उन्होंने ह…मी..शब्द का इस्तेमाल अपने समाज के लोगों के लिए मुसहर-भुइयां समाज की सभा में की थी। इसके बाद मांझी के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हुईं और वे घिरते दिखे तो खुद सामने आए। उन्होंने सफाई दी कि हमने अपने समाज के लोगों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था, पंडित जी के लिए यह शब्द यूज नहीं किया था। अगर कोई गलतफहमी हो गयी है तो मैं माफी चाहता हूँ। हमने अपने समाज के लोगों को ये कहा था कि आज आस्था के नाम पर करोड़ों करोड़ रुपया लुटाया जा रहा है और गरीब की जितनी भलाई होनी चाहिए उतनी नहीं हो रही है। और अनुसूचित जाति के जो लोग हैं वे पूजा पाठ में उतना विश्वास नहीं करते थे। वे अपने देवी-देवताओं की पूजा करते थे चाहे तुलसी जी हो, मां सबरी हो, दीना भदरी हो, लेकिन अब तो उनके यहां पंडित जी आते हैं। और वे(पंडित) खाते भी नहीं और कहते हैं कि नगदे दे दीजिए।

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इतना ही नहीं सफाई में आगे मांझी ने कहा कि हमने अपने समाज के लोगों को कहा था कि आपको शर्म आनी चाहिए। मांझी ने यह भी कहा कि मैं पूजा नहीं करता। तर्क दिया कि जब वे सातवीं क्लास में पढ़ते थे तो श्रावणी पूजा के दिन उनके दोस्त दर्शन के लिए मंदिर में जा रहे थे। जब वे जाने लगे तो उनका बांह पकड़ के बाहर कर दिया गया। मांझी ने कहा कि उसी दिन मैं समझ गया कि ये देवी देवता हमलोग के लिए नहीं हैं। हम बाबा अम्बेडकर की संतान हैं तो हम क्यों पूजा करेंगे?   

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