Published on August 3, 2022 2:17 pm by MaiBihar Media

सुप्रीम कोर्ट ने ने हाल ही में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के संबंध में एक मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया है कि अब स्वास्थ्य स्थिर होने से पहले मरीज ICU और CCU से वार्ड में शिफ्ट नहीं किए जाएंगे। सदर अस्पतालों में बेड की क्षमता का 5 से लेकर 25 प्रतिशत बेड का आईसीयू होना अनिवार्य होगा।

जानकारी के अनुसार इस निर्दश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ समिति गठित की। समिति द्वारा ICU और CCU में भर्ती और इलाज से संबंधित विभाग को अपनी अनुशंसा भेजी। स्वास्थ्य विभाग ने समिति की अनुशंसा को मंजूर करते हुए मेडिकल कालेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों को लागू करने का निर्देश दिया है। एक ICU 12 बेड से अधिक के नहीं हो सकते हैं। एक बेड से दूसरे बेड की दूरी 150 से 200 वर्ग फीट होनी चाहिए। मरीज के सिर वाले हिस्सा में बेड दीवार से दो फीट दूर होना चाहिए। सभी बेड के साथ आधुनिक कार्डियो रेस्पिरेटरी मॉनिटरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।

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अस्पतालों में X-RAY, अल्ट्रासाउंड, BLOOD BANK और फार्मेसी होना चाहिए। आपातकाल और महामारी के समय में अस्पतालों को बेड की क्षमता बढ़ाने की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है। ICU में एक वेंटिलेटर पर एक नर्स रहेंगी । वेंटिलेटर मैनेजमेंट में प्रशिक्षित रेजिडेंट डॉक्टर को चौबीस घंटे रहना अनिवार्य होगा। ICU का संचालन सीनियर डॉक्टर की देखरेख में किया जाएगा। उनकी मदद में पोस्ट ग्रेजुएट के मेडिकल स्टूडेंट रहेंगे। आईसीयू के लिए फिजियोथेरेपिस्ट, डाइटीशियन और बायोमेडिकल इंजीनियर अनिवार्य रूप से रहेंगे।

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