Published on June 29, 2022 8:39 pm by MaiBihar Media
राजद फिर से बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चार विधायक शाहनवाज, इजहार, अंजार नाइयनी और सैयद रुकूंदीन ने मंगलवार को राजद का दामन थाम लिया है। ताजा मिली जानकारी के मुताबिक चारों विधायकों को साथ लेकर राजद नेता सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने खुद अपने गाड़ी को ड्राईव भी किया। सदन पहुंचने के बाद चारों विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को राजद में शामिल होने का पत्र सौंपा। ऐसे समय में चारों मुस्लिम विधायक राजद में शामिल हुए है जब शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहिब राज्यसभा नहीं भेजे जाने के कारण राजद छोड़ चुकी है।
बोचहा उपचुनाव के बाद राजद के सदस्यों की संख्या बढ़कर पहले ही 75 जोड़ एक यानी 76 है। अब एआईएमएम के चार विधायकों का साथ मिलने के बाद राजद के विधायकों की संख्या 80 पुहंच चुकी है। यानी भाजपा के 77 विधायकों की तुलना में राजद के पास 80 विधायक हो गए हैं। वहीं, अब AIMIM में सिर्फ उसके प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ही रह गए हैं। इस सियासी उठापटक के बाद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा, ‘अभी जो परिस्थिति है उसमें आम लोगों की लड़ाई RJD ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ सकती है।’ RJD विधायक अनंत सिंह को 10 साल की सजा हो चुकी है, लेकिन अभी तक उनकी विधायकी नहीं गई है। उनकी विधायकी चली भी जाती है तब भी RJD सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी।
बताते चले की विधान सभा चुनाव 2020 में लोगों ने राजद को सबसे बड़ी पार्टी बनाया था और राजद को 75 सीटें हासिल हुई थीं। तब 74 विधायकों की जीत के साथ भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी। महज एक सीट का अंतर दोनों के बीच था। लेकिन भाजपा ने मुकेश सहनी की पार्टी के 3 विधायकों को अपनी ओर ले आया और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई। भाजपा के विधायकों की संख्या अभी 77 है।
राजद के विधायकों की संख्या बढ़ने से बिहार के नीतिश सरकार पर खतरा मढ़राने लगा है। माना जा रहा है कि जेडीयू और बीजेपी के बिच भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसकी तस्दीक केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पटना पहुंचना और मुख्यमंत्री से मुलाकात करना और प्रेस वार्ता कर ये कहना की एनडीए में सबकुछ ठीक है।