सावरकर पर विवाद यूं ही नहीं छिड़ गया। विगत दो दिनों पहले वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में आरएसएस  प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इनदिनों सावरकर को बदनाम करने का अभियान चल रहा है। विपक्षी पर तंज कसते हुए कहा कि अब वे सावरकर के बाद विवेका नंद को भी बदनाम करेंगे। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों से माफी के लिए याचिका दायर की थी। राजनाथ सिंह के इस बयान पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा कर दिया तो ओवैसी ने भी पलटवार कर सवाल पूछा।

महात्मा गांधी के कहने पर माफी आरजी दायर किए थे सावरकर : राजनाथ

संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी राजनाथ सिंह ने कहा, सावरकर को लेकर कई तरह झूठ फैलाए गए हैं। ऐसा कहा गया था कि सावरकर ने अंग्रेजों के सामने कई बार दया याचिका डाली थी। लेकिन सच तो ये है कि सावरकर ने ये सब गांधी जी के कहने पर किया था। महात्मा गांधी ने अपनी ओर से अपील की थी, उन्होंने कहा था कि सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए। जैसे हम शांतिपूर्ण तरीके से आजादी हासिल करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं, वैसे ही सावरकर जी भी करेंगे।   

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सावरकर जेल में थे, ताे गांधी जी से बात कैसे की : बघेल

राजनाथ सिंह के बयान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जब सावरकर जेल में बंद थे तो उन्होंने महात्मा गांधी से बात कैसे की? उस समय महात्मा गांधी कहां थे? सावरकर कहां थे? सावरकर जेल में थे। दोनों ने कैसे बात की? सावरकर ने जेल में रहते हुए दया याचिका दी थी और ब्रिटिश का साथ देते रहे।

ओवैसी ने सोशल मीडिया पर चिट्ठी डालकर पूछा सवाल

वहीं, राजनाथ सिंह के बयान पर एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओेवैसी ने सवाल खड़ा कर दिया। ओवैसी ने सावरकर और गांधी जी के इस संबंध में 25 जनवरी 1920 की चिट्ठी सोशल मीडिया पर डाली है। उन्होंने कहा कि सावरकर ने 1911 में पहली बार जब याचिका लगाई थी, तब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में थे। सावरकर ने 1913-14 में दूसरी याचिका डाली। गांधी जी की सलाह तो 1920 में आई।

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शिवसेना नेता संजय राऊत बोले- सावरकर ने नहीं मांगी माफी

वहीं,  शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा है कि सावरकर ने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी। उन्होंने कहा कि कई वर्षों तक जेल में रहते हुए स्वतंत्रता सेनानी जेल से बाहर आने के लिए रणनीति के तहत ऐसा करते हैं। उनकी सोच रहती है कि जेल में रहने की बजाय बाहर आकर वह कुछ तो कर सकेंगे।

कौन थे सावरकर

आपको बता दें कि सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर है। विकिपिडिया के अनुसार सावरकर भारत के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, समाजसुधारक, इतिहासकार, राष्ट्रवादी नेता तथा विचारक थे। उन्हें प्रायः स्वातन्त्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दू राष्ट्रवाद की राजनीतिक विचारधारा (‘हिन्दुत्व’) को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय सावरकर को जाता है। वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार भी थे।   

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