Published on October 3, 2021 11:10 pm by MaiBihar Media

शक्ति की उपासना का महापर्व चार दिन बाद शारदीय नवरात्र शुरू होने वाला है। इसकी तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। इसबार नवरात्र 7 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। जिसमें आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक देवी के नौ रूपों की उपासना की जाएगी। नवरात्र में खास बात यह है कि इस बार चतुर्थी तिथि का क्षय होने से नवरात्र 8 दिन के होंगे। कैलेंडर के अनुसार तृतीया 9 अक्टूबर की सुबह 7:49 बजे तक रहेगी, जबकि चतुर्थी 10 अक्टूबर को सुबह 4:55 बजे तक रहेगी। साथ ही प्रतिपदा तिथि में घट स्थापना के साथ ही देवी के नवाह्न पूजन अनुष्ठान शुरू होंगे।

शारदीय नवरात्र का शुभ मुहूर्त

यह भी पढ़ें   आज से नवरात्रि शुरू, 12 अक्टूबर से पंडालों में मां दुर्गा देंगी दर्शन

प्रतिपदा पर रात 9:12 तक चित्रा नक्षत्र और रात 1:38 बजे तक वैधृति योग रहेगा। इन दोनों के शुरुआती दो चरणों के अलावा कलश स्थापना की जा सकती है। चित्रा नक्षत्र के दो चरण सुबह 10:16 और वैधृति योग के दोपहर 3:17 पर समाप्त हो रहे हैं। इसके चलते कलश स्थापना के लिए अभिजीत मूहूर्त सुबह 11:59 से 12:46 बजे तक श्रेष्ठ रहेगा। महाष्टमी 13 अक्टूबर और महानवमी 14 अक्टूबर को है, जबकि 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।

क्यों कहा जाता है शारदीय नवरात्र

मान्यता है कि कलश स्थापना से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और घर को खुशियों, धन-धान्य व सुख-समृद्धि से भर देती हैं। शास्त्रों के अनुसार कलश सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक होता है। देवी पुराण में दी गई जानकारी के अनुसार नौ शक्तियों के मिलन को नवरात्र कहा जाता है, जो हर साल चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीने में आती है। वसंत ऋतु में इसे चैत्र या वासंती नवरात्र कहा जाता है, जबकि शरद ऋतु व आश्विन मास में आने वाली नवरात्र शारदीय कही जाती है। शेष दो यानि गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ में आते हैं।

यह भी पढ़ें   चैत्र नवरात्रि कल से, पूरे 9 दिन होगी मां की आराधना

तैयारियों में जुटे लोग – शक्ति की उपासना का महापर्व 7 अक्टूबर को शुरू होगा। ऐसे में देवी मंदिरों पर नवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। कहीं मंदिरों को रंगने का काम ही चल रहा है। तो कहीं पंडाल निर्माण कार्य का काम तेजी से चल रहा है। वहीं, मुर्ती भी बनाने वाले कारिगर जोर-शोर से अपने कार्यों में जुटे हुए हैं। शहर हो या गांव शारदीय नवरात्र को लेकर लोगों में खास उत्साह है। पिछले साल कोरोना के कारण लोगों ने नवरात्र का उत्सव ठीक से नहीं मनाया। कोरोना मरीजों की संख्या में कमी होने से शासन की ओर से इस बार मंदिरों पर पूजा अर्चन के लिए रोक नहीं है। हालांकि कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आयोजन से पूर्व शासन की अनुमति अनिवार्य है।

यह भी पढ़ें   14 को खरमास समाप्त, 17 अप्रैल से बजेगी शहनाई
close

Hello 👋
Sign up here to receive regular updates from MaiBihar.Com

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.