अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की रहस्य अभी बरकरार है। हालांकि मामले की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। मामले में पुलिस ने सीडी और छह से सात पन्नों का सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसकी गहनता से जांच कर रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 सदस्यों वाली एसआईटी का भी गठन कर दिया है। बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि श्री पंचायती तपोनिधि निरंजन अखाड़ा के प्रमुख और सचिव, प्रयागराज के संगम स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत थे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख भी थे। आने वाले कुछ दिनों में ही इन पदों पर नए महंतों की नियुक्ति की जाएगी।

जांच के लिए गठित हुआ एसाआईटी

मामले की जांच के लिए गठीत एसआईटी आज से तमाम साक्ष्यों को जुटाने में लग गया है। एसआईटी घटना की गहनता से जांच करेगा। वहीं, पांच डॉक्टरों का पैनल भी बनाया गया है, जो बुधवार को महंत के शव का पोस्टमॉर्टम करेगा। साथ ही बड़ा खुलासा भी करने की उम्मीद जताई जा रही है। बता दें कि सोमवार की शाम मंहत की शव को लटके हालात में पाया गया था। जिसके बाद न सिर्फ संतों के बीच बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

जरूरत पड़ी तो होगी सीबीआई जांच

आज जहां मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ ने महंत का अंतिम दर्शन करने प्रयागराज पहुंचे। वहीं अखिलेश यादव ने भी दर्शन किया और कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना से व्यथित हूं और इस मामले की जांच की जा रही है। किसी भी दोषी को बख्सा नहीं जाएगा। इसके साथ ही यूपी के उप मुख्यमंत्री ने भी महंत का अंतिम दर्शन किया। उन्होंने मीडिया से बात चीत में कहा कि न्याय के लिए जरूरत पड़ी तो सरकार सीबीआई जांच भी कराएगी।

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महंत के शिष्य समेत तीन हिरासत में

कथित आत्महत्या मामले में बरामद सुसाइड नोट के आधार पर जार्ज टाउन थाने में केस दर्ज किया गया है। इस केस में आनंद पर महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। मालूम हो कि आनंद गिरि नरेंद्र गिरि का शिष्य ही है। जिसकके खिलाफ प्रयागराज में मामला दर्ज किया गया है। आनंद को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में लिया और फिर कोर्ट में पेश किया। साथ ही बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।

महंत के मोबाईल में पाया गया वीडियो संदेश

वहीं, इस बीच चर्चा है कि महंत ने आत्महत्या के पहले मोबाइल में वीडियो संदेश भी रिकॉर्ड किया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मोबाइल में काफी कुछ जानकारी है। इसका सुसाइड नोट के ब्यौरे के साथ विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस इस मामले को आत्महत्या मान रही है और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के पहलू पर ज्यादा ध्यान दे रही है। पुलिस वह सीडी तलाश रही है, जिसका जिक्र सुसाइड नोट में है। इसके जरिए नरेंद्र गिरि पर दबाव बनाया गया था। दूसरा वीडियो मोबाइल में बताया गया है।  

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शिष्य ने दी थी आपत्तिजनक फोटो वायरल करने की धमकी

महंत नरेंद्र गिरि अपने बागी शिष्य आनंद की धमकी से डर गए। उनके छह से सात पेज के कथित सुसाइड नोट में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक आनंद ने किसी महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में महंत की फोटो वायरल करने की धमकी दी थी। यह धमकी हरिद्वार से दी गई। महंत ने लिखा है, ‘मैं 13 सितंबर को आत्महत्या करने जा रहा था। लेकिन हिम्मत नही कर पाया। एक दो दिन में आनंद कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला से गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा, मैंने सोचा कहां-कहां सफाई दूंगा। मैं जिस पद पर हूं, वह गरिमामय है। मैं बदनाम हो जाऊंगा। इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं। इसकी जिम्मेदारी आनंद,  आद्या प्रसाद व उनके पुत्र संदीप की होंगे।’

क्यों था गुरू-शिष्य में अनबन  

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो महंत नरेंद्र गिरि से उनके शिष्य आनंद ने 1,200 गज जमीन के कारण बगावत की थी। बताया जा रहा है कि नरेंद्र गिरि ने पहले आनंद को तीस साल के लिए लीज पर यह जमीन दिया था लेकिन बाद में वापस मांगी। इस बाबत आनंद ने बताया, ‘मैंने इसका विरोध किया क्योंकि मठ का काम बाजार और शॉपिंग कांपलेक्स बनाना नही है। विरोध करने के कारण ही मुझे गलत आरोप लगा कर निष्कासित किया गया है।’ तब आनंद ने आरोप लगाया था कि महंत की रुचि बाघम्बरी गद्दी की जमीनों को बेचने में है। हालांकि बाद में नरेंद्र ने माफी मांगी और महंत ने उसे माफ भी कर दिया था। लेकिन बाघम्बरी मठ में आने पर रोक लगा दी थी।

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इतना ही नहीं जानकारी यह भी मिल रही है कि नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद को एक पेट्रोल पंप लगवाने के लिए जमीन किराए पर दी थी। लेकिन लोगों ने कहा कि पेट्रोल पंप नही चलेगा। इसके बाद उन्होंने जमीन वापस मांगी। वापस नहीं करने पर उसे निकाल दिया। आपको बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद मठ बाघंबरी गद्दी में ही सनातन परंपरा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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