Published on August 31, 2021 9:32 pm by MaiBihar Media

बिहार (Bihar) में भारी बारिश वजह से नदियों में उफान देखने को मिला और अब भी वह कायम है। इससे गंडक के नीचले इलाके के लोग परेशान है। ताजा मिली जानकारी के मुताबिक गोपालगंज के करीब छह नए गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। एक हजार से ज्यादा घरों में जलजमाव की स्थिति है। कई परिवार बांधों पर शरण लिए हुए है। इधर बाल्मीकि नगर (Valmiki Nagar) डैम से ज्यादा मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गोपालगंज इलाके में पैंतालीस घर पानी के चपेट में आए हुए है।

जानकारी के मुताबिक नदियों के जलस्तर में चढ़ाव के कारण दियारा में अब भी स्थिति गंभीर है और वाल्मीकि नगर बराज से गंडक में 3.07 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे निचले इलाकों में अवस्थित घरों की हालात बिगड़ते जा रही है। एक हजार से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। ज्यादातर बसावटों ममें दो से तीन फीट पानी बह रहा है। ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर दूसरे जगह शरण लेने को मजबूर है। पीड़ितों का कहना है कि अभी तक प्रशासन के स्तर से कोई मदद नहीं मिली है। नाव तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। लोग जान को जोखिम में डालकर अपनी समान को बचाने में जुटे हुए है।

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इतना ही नहीं पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ के पानी में अभी कोई नरमी नहीं है। तटबंध पर नदी प्रेशर बना रही है। खोमारीपुर गांव में बाढ़ का पानी अभी तेजी से बढ़ रहा है। गांव की पक्की इमारतें भी परिवार वालों को लिए महफूज नहीं है। चारो तरफ ये इलाका घिर गया है। गांव के करीब 50 परिवार घर खाली कर बांध पर शरण लिए हैं।

आपको बता दें कि बाल्मीकि नगर डैम से बुधवार को 3 लाख 07 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालांकि दो दिनों से नदी के डिस्चार्ज लेवल में कुछ कमी आई है, लेकिन बाढ़ प्रभावित गांवों में हालात जस की तस है। दो दिन में एक लाख क्यूसेक पानी कम हुआ है। डैम के अधिकारियों ने बताया कि बराज में निरंतर पानी कम हो रहा है। आज से नदी के तेवर में नरमी आने की संभावना है। जिले की गंडक नदी अभी खतरे के निशान से 82 सेमी उपर बह रही है। जबकि गोपालगंज, मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर दियारा क्षेत्र के गांवों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली ज्यादातर सड़कों पर पानी का तेज बहाव है। कुचायकोट, सदर प्रखंड, बरौली, दियारे के कई गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। इनमें से कई सड़कें खाई में तब्दील होकर जानलेवा बन गई हैं। मांझा के निमुईयां-मुंगराहा पथ पानी में बह गया है। वहीं, बैकुंठपुर के सीलतपुर में आवाजाही बंद है।

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