Published on August 21, 2021 11:32 pm by MaiBihar Media

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याम सिंह का शनिवार की शाम निधन हो गया। वे कई दिनों से लगातार बीमार चल रहे थे। कल्याण सिंह की सेहत को देखते हुए सबसे पहले उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार जुलाई को उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें पीजीआई में शिफ्ट कर दिया गया। जहां उन्होंने शनिवार की शाम अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है और 23 अगस्त को अवकाश घोषित किया है। वहीं, प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर श्रद्धांलि अर्पित की है। बता दें कि पीजीआई में शिफ्ट होने के बाद दिन पर दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था। डॉक्टर लगातार उनकी देखभाल में लगे थे। इस बीच सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने समय-समय पर पीजीआई जाकर उनका हालचाल लिया था।

गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री ने एक के बाद कई एक ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा है कि कल्याण सिंह जी…राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान है। मैं दुखी हूँ। उनके पुत्र श्री राजवीर सिंह से बात कर संवेदना व्यक्त किया और परिवार को ढाढ़स बंधाया। आगे प्रधानमंत्री ने लिखा है कि भारत के सांस्कृतिक उत्थान में उनके योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा कल्याण सिंह जी की आभारी रहेंगी। वह दृढ़ता से भारतीय मूल्यों में निहित थे और हमारी सदियों पुरानी परंपराओं पर गर्व करते थे। अंत में प्रधानमंत्री ने लिखा है कि कल्याण सिंह जी ने समाज के वंचित तबके के करोड़ों लोगों को आवाज दी। उन्होंने किसानों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कई प्रयास किए।

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वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर लिखा है कि पूर्व राज्यपाल व उ.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य आदरणीय कल्याण सिंह जी अब हमारे बीच नहीं रहे। भारतीय राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता व जन सेवा के पर्याय, अप्रतिम संगठनकर्ता एवं लोकप्रिय जननेता आदरणीय कल्याण सिंह जी का देहावसान संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें कोटि-कोटि श्रद्धांजलि! अंत में मुख्यमंत्री ने लिखा है, प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक-संतप्त परिजनों को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। समाज, कल्याण सिंह जी को उनके युगांतरकारी निर्णयों, कर्तव्यनिष्ठा व शुचितापूर्ण जीवन के लिए सदियों तक स्मरण करते हुए प्रेरित होता रहेगा।

आपको बता दें कि 90 के दशक में भाजपा के राममंदिर आंदोलन को कल्याण सिंह ने ही अलग पहचान दी। अयोध्या में विवाद ढ़ांचा गिराने की जिम्मेदारी ली और मुख्यामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कल्याण सिंह का जन्म पांच जनवरी सन् 1932 को अलीगढ़ में अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। कल्याण सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद अध्यापक की नौकरी की। साथ-साथ वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर राजनीति के गुण भी सीखते रहे। कल्याण सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में रहकर गांव-गांव जाकर लोगों में जागरुकता पैदा करते रहे।

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आपको बता दें कि वे राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं। इससे पहले वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वो दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस होने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी थे उत्तर प्रदेश के लोग कल्याण सिंह जी को प्यार से बाबूजी पुकारते थे और उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हें प्रखर राष्ट्रवादी राजनेता के रूप में जाना जाता है ।

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