Published on August 14, 2021 11:50 am by MaiBihar Media
कोरोना संकमण से बचाव का एकमात्र रास्ता कोविड टीकाकरण है। कोविड टीकाकरण के बाद भी संक्रमण को लेकर बेपरवाह नहीं होना चाहिए नियमों का पालन करते रहना आवश्यक है। महिलाओं के मन में टीकाकरण को लेकर कई तरह के सवाल है। जिन सवालों का जवाब स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोस्टर जारी कर कहा है कि महावारी के दौरान भी महिलाएं कोविड का टीका ले सकती हैं। इससे महावारी के दौरान महिलाओं में होने वाले हार्मोन्स संबंधी बदलावों में टीकाकरण प्रभावित नहीं करता है। गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच के दौरान आवश्यक सभी तरह के टीकाकरण के साथ साथ कोविड टीकाकरण भी कराया जाना चाहिए।
इस संदर्भ में मंत्रालय ने बताया है कि गर्भवती महिलाओं के कोविड टीकाकरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षा कवच के नाम से पोस्टर जारी कर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कोविड 19 टीकाकरण गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित है। कोविड 19 के लक्षण जिन गर्भवती महिलाओं में पाये जाते हैं। उन्हें गंभीर बीमारी होने की संभावना अधिक होती है और भ्रूण पर भी इसका प्रभाव हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को कोविड 19 वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है।
परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कोविड 19 की जटिलता गर्भवती महिलाओं में बढ़ जाती है। इनमें विशेषकर 35 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाएं, मोटापा से ग्रसित महिलाएं, मधुमेह या उच्च रक्तचाप तथा पूर्व से क्लोटिंग की समस्या से पीड़ित महिलाएं शामिल हैं। बताया गया है कि कोविड 19 संक्रमित गर्भवती महिलाओं में समय से पहले डिलीवरी, नवजात शिशु का वजन 2.5 किलोग्राम से कम होना, कुछ परिस्थितियों में शिशु के जन्म से पहले मृत्यु की संभावना हो सकती है और ये सभी गर्भवती के लिए नुकसानदायक होता है।
आपको बता दें कि परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कोविड 19 वैक्सीन गर्भावस्था के दौरान कभी भी लगवाई जा सकती है और इसे जल्द से जल्द लगवाया जाना चाहिए। यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान कोविड 19 संक्रमण से संक्रमित हो जाती है तो उसे प्रसव के तुरंत बाद वैक्सीन लगायी जानी चाहिए। साथ ही कहा है गर्भावस्था में कोविड 19 वैक्सीन सुरक्षित है। हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या एक से तीन दिनों तक अस्वस्थ महसूस करने जैसे मामूली असर हो सकते हैं। भ्रूण और बच्चे के लिए वैक्सीन के दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव और सुरक्षा अभी तक स्थापित नहीं हुई है।