Published on August 12, 2021 11:11 am by MaiBihar Media

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद सरकार ने बताया है कि नौ कश्मीरी पंड़ितों को उनकी संपत्ति वापस दिलाई गई है। इसकी जानकारी मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दी। एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि दो साल में नौ कश्मीरी पंडितों को उनकी संपत्ति वापस दिलाई गई है, वे कश्मीरी पंडित इस प्रॉपर्टी के असली मालिक हैं, जो आतंकी हिंसा के बाद वहां से भाग गए थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को लिखित जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत नौकरी पाने के लिए दो साल में 520 प्रवासी कश्मीर लौटे हैं।

इतना ही नहीं आगे राय ने बताया कि सरकार उन सभी कश्मीरी हिंदुओं को वापस कश्मीर में बसाने के प्रयास में है, जो आतंकवाद के कारण कश्मीर छोड़ गए थे। सरकार इन प्रवासी कश्मीरी हिंदुओं को उनकी संपत्ति वापस करवा रही है। जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति (संरक्षण, रक्षा और संकट बिक्री पर रोक) अधिनियम- 1997 के अनुसार प्रवासी कश्मीरियों की संपत्ति के संरक्षक संबंधित जिलों के कलेक्टर हैं। वे कब्जा हटाकर जमीन खाली कराने की कार्रवाई करते हैं। इसके लिए प्रवासी भी कलेक्टर से अनुरोध कर सकते हैं।

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एक अन्य सवाल के जवाब में राय ने बताया कि अनुच्छेद-370 हटाने के बाद भारतीय संविधान के अनुरूप जम्मू-कश्मीर के सभी कानूनों में बदलाव जरूरी था। इसलिए भूमि कानून में भी बदलाव हुआ है। अब वहां शिक्षा, धर्मार्थ और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकारी की अनुमति से जमीन का हस्तांतरण हो सकता है। राय ने बताया, जम्मू-कश्मीर भूमि संपदा उन्मूलन अधिनियम 1950 को रद्द कर दिया गया है। इस अधिनियम में किसी व्यक्ति के पास 22.75 एकड़ जमीन ही हो सकती थी। जम्मू-कश्मीर कृषि भूमि सुधार अधिनियम- 1976 लागू है। इसमें 12.5 एकड़ जमीन की अधिकतम सीमा तय है। बता दें कि पांच अगस्त 2021 को अनुच्छेद-370 को हटाने का दो वर्ष पूरा हुआ था। इस दिन भाजपा नेताओं ने जहां जश्न मनाया वहीं, विरोधियों ने काला दिवस भी मनाया था।

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