Published on May 19, 2022 11:32 am by MaiBihar Media
देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में दोषी पाए जाने वाले एजी पेरारिवलन को 31 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद रिहा किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 में मिली असाधारण शक्तियों का उपयोग करते हुए बुधवार को उसे रिहा करने का आदेश दिया। अपको बता दे कि पेरारिवलन की दया याचिका दिसंबर 2015 से कोर्ट में लंबित थी।
जेल में संतोषजनक आचरण आदि बतों को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा, जेल में संतोषजनक आचरण, मेडिकल रिकॉर्ड, जेल में हासिल शैक्षणिक योग्यता और दया याचिका के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। पेरारिवलन ने दिसंबर 2015 में तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष दया याचिका दायर की थी। फैसले में देरी पर उसने 2016 में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। 21 मई, 1991 को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी की हत्या हुई थी।
जून 1991 में किया गया था गिरफ्तार
पेरारिवलन को जून 1991 में गिरफ्तार किया गया था। वह साजिश रचने के मामले में दोषी ठहराए गए सात लोगों में से एक है। उसने बम के लिए बैटरी उपलब्ध कराई थी। कोर्ट ने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी, पर बाद में उसे उम्रकैद में बदल दिया गया।
तमिलनाडु के दलों में खुशी, कांग्रेस ने भाजपा पर उठाए सवाल
तमिलनाडु में सत्ताधारी डीएमके सहित सभी दलों ने पेरारिवलन की रिहाई पर खुशी जाहिर की। मुख्यमंत्री एमके स्तालिन ने कहा कि यह फैसला न्याय और कानून के इतिहास में यादगार है। तमिलनाडु कांग्रेस ने भी फैसले पर खुशी जताई। वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, इस रिहाई के लिए भाजपा जिम्मेदार है। अगर प्रधानमंत्री के हत्यारे को ऐसे छोड़ा जा सकता है तो देश की जेल में उम्रकैद काट रहे लोगों को भी छोड़ा जा सकता है।