Published on October 3, 2021 8:36 pm by MaiBihar Media

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुर्सी अब खतरे से बाहर हो गई है। वो आखिरकार रविवार यानी तीन अप्रैल को विधायक भी चुन ली गईं। भवानीपुर विधानसभा सीट पर चुनावी मैंदान में उतरीं ममता ने उपचुनाव में 58,835 मतों से जीत हासिल की है। वे अभी विधानसभा सदस्यता के बिना मुख्यमंत्री पद संभाल रही थीं। लिहाजा, चुनाव जीत कर कुर्सी को बचा लिया है। ममता बनर्जी की जीत के बाद उनके समर्थक विजय जुलूस या ऐसा कोई समारोह नहीं कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने जीत के जश्न पर रोक सुनिश्चित करने को कहा है।

निर्वाचन आयोग के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी की प्रियंका टिबरेवाल के खिलाफ ममता बनर्जी बम्पर जीत हासिल की हैं। उन्होंने इस जीत के बाद कहा, ‘मैं भबानीपुर की जनता की आभारी हूं कि उसे मुझे यहां हर वॉर्ड में जीत दिलाई है।’  ममता ने आगे कहा कि मैंने 25,000 से ज्यादा वोट हासिल किए हैं। मैं आगे भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए काम करती रहूंगी। ममता बनर्जी को इसी सीट से 2011 में 77.06 और 2016 में 48 फीसद वोट मिले थे।

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बता दें कि आयोग ने बताया है कि ममता बनर्जी को लगभग 71.90 प्रतिशत वोट (85,263) मिले हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी प्रियंका को भबानीपुर उपचुनाव में 26,428 मत मिले। हालांकि इसके बावजूद प्रियंका ने कहा है, ‘मैन ऑफ द मैच तो इस खेल में मैं रही हूं। मालूम हो कि इसी अप्रैल, मई में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वे भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ीं। वहां उन्हीं के पूर्व सहयोगी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से भाजपा में आए शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें हरा दिया। इसके बाद ममता के लिए पांच नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी हो गया था। हालांकि टीएमसी ने सरकार बनाई। ऐसे में कुर्सी खतरे में थी, अब ममता के जीत के बाद उनकी कुर्सी खतरे से बाहर आ गई है।

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