Published on August 24, 2021 10:26 am by MaiBihar Media
पंचायत चुनाव को लेकर आज जारी अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसके बाद आदर्श आचार संहिता ग्रामीण इलाकों में लागू हो जाएगी। साथ चुनाव से जुड़े अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिग व नई विकास योजनाओं पर रोक भी लग जाएगी। त्रिस्तरीय चुनाव ग्यारह चरणों में होनी है। पहले चरण की वोटिंग 24 सितंबर और ग्यारहवें चरण की वोटिंग 12 दिसंबर को होगी। इस बाबत राज्य में पंचायत चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को जारी होगी। बताते चलें कि इसबार राज्य में पंचायतों के छह पदों के लिए चुनाव होगा। इनमें से 4 पदों का चुनाव ईवीएम से और 2 पदों का चुनाव बैलेट पेपर से कराया जाएगा। चुनावी सभा की अनुमति संबंधित निर्वाची पदाधिकारी देंगे। प्रचार के लिए नुक्कड़ सभा की सूचना निर्वाची पदाधिकारी एवं स्थानीय थाना को देना होगा। जुलूस का आदेश निर्वाची पदाधिकारी द्वारा दिया जाएगा। अब चलिए जानते है किसपर रहेगी रोक और किसको मिलेगी छूट।
गौरतलब हो कि अचार संहिता लागू होते कई तरह की पाबंदियां लागू होंगी। जिसमें खास बात यह है कि पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं होना है। इसलिए किसी भी राजनीतिक दल के नाम पर या दल के झंडा की आड़ में चुनाव प्रचार नहीं करना होगा। इसके अलावा किसी तरह का नारा नहीं लिखा जाएगा। सरकारी भवनों पर किसी तरह का झंडा या बैनर भी नहीं लगाया जाएगा। सरकारी सर्किट हाउस, रेस्ट हाउस, डाकबंगला या अन्य आवासों का उपयोग चुनाव प्रचार, चुनाव बैठक के लिए किसी भी उम्मीदवार द्वारा नहीं किया जाएगा। किसी सरकारी, उपक्रम के भवन की दीवार तथा चहारदीवारी पर अभ्यर्थियों तथा उनके समर्थकों द्वारा किसी तरह का पोस्टर, सूचना नहीं चिपकाया जाएगा।
इनपर रहेगी पूरी तरह से रोक
इसके साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्रियों द्वारा की जाने वाली सरकारी और चुनावी यात्रा बिल्कुल अलग-अलग होगी। वे दोनों यात्राएं एक साथ नहीं कर पाएंगे। अगर केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के मंत्री जिला मुख्यालय या क्षेत्रीय स्तर के अन्य कार्यालयों तक सरकारी कार्यों के सिलसिले में दौरे पर जाने के लिए सरकारी वाहन का उपयोग करते हैं और उसके बाद चुनाव कार्य के लिए स्थानीय दौरा किसी निजी वाहन से करते हैं तो पूरे दौरा को चुनाव कार्य के लिए ही किया गया माना जाएगा। किसी भी परिस्थिति में सरकारी यात्रा और चुनावी यात्रा एक ही साथ करने के लिए सरकारी वाहनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा शासन, सार्वजनिक उपक्रमों आदि में कोई ऐसी तदर्थ नियुक्ति जो किसी उम्मीदवार के पक्ष में वोटों को प्रभावित करे, नहीं करेंगे। मंत्रियों, लोक उपक्रमों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सांसद, विधायक, राजनीतिक दलों के पद धारक को सर्किट हाउस, निरीक्षण भवन आदि का उपयोग चुनाव संबंधी आम सभा का आयोजन, चुनाव प्रचार अभियान के लिए करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा बिहार में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही जिला निर्वाचन पदाधिकारी(पंचायत), अनुमंडल अधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, निर्वाची पदाधिकारी, सहायक निर्वाची पदाधिकारी तथा जिला निर्वाचन पदाधिकारी(पंचायत) द्वारा मनोनीत उप निर्वाचन पदाधिकारी(पंचायत) के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लग जाएगी। इसके अलावा चुनाव कार्य से जुड़े अन्य क्षेत्रीय पदाधिकारियों, कर्मचारियों के स्थानांतरण पर भी रोक रहेगी। चुनाव कार्य में प्रतिनियुक्त किए जाने वाले योग्य पदाधिकारियों व कर्मचारियों(शिक्षक सहित) आदि के ट्रांसफर पोस्टिंग पर भी रोक रहेगी।इतना ही नहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविका और सहायिका के चयन, जिसमें ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों की प्रत्यक्ष भूमिका होती है पर प्रतिबंध रहेगा। सांसद एवं विधायक निधि से नई योजनाओं की स्वीकृति एवं उनके कार्यान्वयन पर पाबंदी रहेगी। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य योजनाओं से मतलब सड़क, शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, विद्युतीकरण, महिला एवं बाल कल्याण इत्यादि से संबंधित योजनाओं से है। किसी विशेष समुदाय के लिए छात्रावास, विद्यालय भवन का निर्माण या अन्य प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं सामान्य विकास की योजनाओं के तहत नहीं आएंगी तथा निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने तक ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन, शिलान्यास अथवा उद्घाटन पर पूर्ण पाबंदी रहेगी।
इनपर नहीं होगी कोई रोक
राष्ट्रीय उच्च पथ एवं राज्य के मुख्य पथों पर काम कराने में कोई पाबंदी नहीं रहेगी। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के अंतर्गत पूर्व से चल रही योजनाओं के कार्यान्वयन पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। निबंधित लाभार्थियों के लिए वैसी कोई योजनाएं निर्वाची पदाधिकारी को सूचना देकर आरंभ की जा सकेंगी जो स्वीकृत योजनाओं की सूचनी में पहले से लिस्टेड हैं। साथ ही जिनके लिए पहले से राशि चिह्निहत कर दी गई हैं एवं क्षेत्र में मजदूर की मांग है। जब तक चालू योजना में कार्य दिया जा सकता है तब तक कोई नई योजना सक्षम प्राधिकार द्वारा आरंभ नहीं की जा सकेंगी।
साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं, राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं आदि से स्वीकृत वित्तीय सहायता के आधार पर योजनाओं को स्वीकृति तथा उनके कार्यान्वयन पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। आपात योजनाएं जैसे बाढ़ निरोधक योजनाएं, सूखा अथवा अभावग्रस्त क्षेत्र से संबंधित योजनाओं आदि को पंचायत चुनाव के दौरान प्रारंभ करने पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण(कंप्यूटर तथा अन्य मार्डन गैजेट) पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाएं जिसके क्रियान्वयन में पंचायत राज संस्था की भूमिका नहीं है उसपर आदर्श आचार संहिता लागू नहीं होगा। इसके अतिरिक्त मेडिकल, पारा मेडिकल तथा आपातकालीन सेवाओं से जुड़े पदाधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को इस आदेश से मुक्त रखा जाएगा।वहीं, पंचायत की योजनाएं जो पूर्व से स्वीकृत हैं और जिनका कार्यान्वयन शुरू हो गया है उनपर रोक नहीं रहेगी।