Published on August 11, 2021 11:28 am by MaiBihar Media

तालिबान और अफगानिस्तान में इन दिनों लड़ाई जारी है। इस बीच तालिबान के बढ़ते हमलाें और कब्जे काे देखते हुए सरकार ने अफगानिस्तान में रह रहे सभी भारतीयाें काे विमान सेवाएं बंद हाेने के पहले वापस लाैटने की सलाह दी है। काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय कंपनियाें से भी उनके निर्माण स्थलों से भारतीयाें काे हटाने और भारत भेजने काे कहा है। अफगान या विदेशी कंपनियाें में काम कर रहे भारतीय नागरिकाें से कंपनी से भारत वापस भेजने की व्यवस्था करने का आग्रह करने की सलाह दी है।

भारत सरकार ने कहा है कि अफगानिस्तान में हिंसा बढ़ने के साथ अन्य प्रांताें और शहराें काे विमान सेवाएं बंद हाे रही हैं। इस बीच सरकार ने अफगान सेना और तालिबान के बीच हिंसा का केंद्र बने मजार-ए-शरीफ से अपने नागरिकाें और दूतावास स्टाफ काे स्वेदश लाने का फैसला किया है। इनको विशेष विमान से लाया जा रहा है।

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वहां के भारतीय नागरिकाें से इसके लिए तुरंत (वाणिज्यिक) दूतावास से संपर्क करने की अपील की गई है। वहां अब स्थानीय स्टाफ के द्वारा कामकाज जारी रहेगा। सूत्राें के अनुसार इस समय करीब 1,500 भारतीय अधिकारी/कर्मचारी अफगानिस्तान में हैं। पिछले महीने भी सरकार ने कंधार स्थित भारतीय दूतावास से 50 राजनयिकाें और सुरक्षाकर्मियाें काे तालिबान और सेना के बढ़ते संघर्ष के बीच स्वदेश बुला लिया था।

आपको बता दें कि पाकिस्तान स्थित सुरक्षित पनाहगाहाें से अफगानिस्तान में आतंकियाें काे मदद मिल रही है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा है, ‘इस मदद के बल पर ही आतंकी अफगानिस्तान में अस्थिरता पैदा कर रहे हैं। हम पाकिस्तान की सरकार से इन पनाहगाहाें काे बंद करने की बात कर रहे हैं। इससे तालिबान और अन्य आतंकियाें काे मदद मिलना बंद करना चाहते हैं। अफगान सेना में युद्ध काे पलटने की पूरी क्षमता है। अमेरिका भी जहां संभव हाेगा उसकाे मदद देगा।’

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