Published on August 6, 2021 9:02 pm by MaiBihar Media
भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न की जगह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न रख दिया गया है। आज इसकी घोषणा की गई जिसके बाद खेल जगत ने भी मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन राजीव गांधी नाम हटाने पर दर्द को भी बयां किया है।
गौरतलब हो कि भारत का सबसे सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के नाम पर रखा गया था जिसे मोदी सरकार ने बदलकर अब मेजर ध्यान चंद्र खेल रत्न कर दिया है। इसकी घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, “देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।
जय हिंद!”
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा, हॉकी के जादूगर, खेल के पुरोधा मेजर ध्यानचंद जी के प्रति सम्मान प्रकट करने का कांग्रेस स्वागत करती है
मेजर ध्यानचंद का नाम अगर BJP व PM मोदी जी अपने छोटे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ना घसीटते तो अच्छा था पर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने का हम स्वागत करते है। आगे कहा है, राजीव गांधी जी इस देश के नायक थे, हैं और रहेंगे। राजीव गांधी जी पुरस्कारों से नहीं, अपनी शहादत, अपने विचारों और आधुनिक भारत के निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं।
विश्व चैंपियन में भारत के एकमात्र एथलेटिक्स पदक विजेता और यह पुरस्कार 2003 में हासिल करने वाले अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा कि खेल पुरस्कारों का नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाने चाहिए, मोदी सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है।
आपको बता दें कि मेजर ध्यानचंद को महानतम हॉकी खिलाड़ी माना जाता है। हॉकी के जादूगर ने अपने 1926 से 1949 तक के करियर के दौरान 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक का खिताब हासिल किया था। उनकी जयंती के उपलक्ष में 29 अगस्त को देश राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। वहीं, कुछ अन्य लोगों ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग उठा रहे है।