Published on July 27, 2023 10:40 pm by MaiBihar Media
छपरा नगर निगम की मेयर राखी गुप्ता की सदस्यता चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर दी गई है। आज चुनाव आयोग ने लंबी सुनवाई के बाद छपरा की के खिलाफ आदेश सुना दिया है। आपको बता दें की मेयर राखी गुप्ता द्वारा नामांकन के वक्त दिए गए हलफनामे में अपने बारे में गलत जानकरी देने पर यह फैसला सुनाया है।हलफनामे के अनुसार राखी गुप्ता ने अपने दो जीवित संतान का जिक्र किया था वही अन्य दस्तावेजो से मिली जानकारी के अनुसार राखी गुप्ता को तीन बच्चे है।रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता को तीन जीवित संतान है। जिसमें दो पुत्री और एक पुत्र है।जिसको लेकर पूर्व मेयर सुनीता गुप्ता ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। जिसके बाद पांच महीनों तक लगातार सुनवाई चली। जिसके बाद आयोग ने 5 जून बुधवार को अंतिम पेशी के दौरान दोनों पक्ष को सुनते हुए फ़ैसला सुरक्षित रख लिया गया था। जिसके बाद आज चुनाव आयोग द्वारा मेयर राखी गुप्ता को आयोग्य करार कर दिया गया।
पूर्व मेयर सुनीता देवी ने वर्तमान मेयर राखी गुप्ता पर तीन बच्चा होने का आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया था कि मेयर राखी गुप्ता के तीन संतान होने के बावजूद उन्होंने अपने शपथ पत्र और नामांकन फॉर्म में गलत जानकारी दी है। राखी गुप्ता के तीन संतान श्रीयांशी प्रकाश (14 वर्ष), शिवांशी प्रकाश (9 वर्ष) और श्रीश प्रकाश (6 वर्ष) है।
वहीं, आरोप को लेकर मेयर राखी गुप्ता ने कहा कि उनके पति वरुण प्रकाश के मौसा ठाकुर प्रसाद और मौसी उर्मिला शर्मा निःसंतान हैं। दोनों की अधिक उम्र होने के कारण संतान होने की संभावना भी नहीं है। ऐसे में उन्होंने पति की रजामंदी के बाद अपने तीसरे संतान श्रीश प्रकाश (6 वर्ष) को गोद देने का फैसला लिया।इसलिए वह अपने ऊपर लग रहे आरोप को निराधार बता रही हैं।
इसको लेकर तत्कालीन निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को शिकायत की गई, पर पुख्ता प्रमाण नहीं होने से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। मेयर राखी गुप्ता के चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद एक बच्चे को अपने रिश्तेदार को गोद दिए जाने का निबंधन पत्र वायरल होने लगा।इसमें साफ जिक्र किया गया है कि राखी गुप्ता को पूर्व से दो बच्चियां हैं और तीसरे बच्चा होने के बाद वह अपने रिश्तेदार को गोद दे रही हैं।इसको लेकर पूर्व मेयर सुनीता देवी ने चुनाव आयोग में शिकायत की थीं।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए दो बच्चों का नियम जारी करते हुए यह आदेश दिया था की बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (1) (ड) के अनुसार 4 अप्रैल 2008 के बाद से तीसरे संतान का जन्म होने वाले उम्मीदवार चुनाव के लिए अयोग्य होंगे।