Published on July 11, 2022 12:24 pm by MaiBihar Media
देवाधिदेव महादेव की आराधना का माह सावन को लेकर अभी से तैयारिया शुरु हो गई है। हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद खास और पवित्र माना गया है। यह पूरा महीना देवों के देव महादेव भोलेनाथ को समर्पित है। देवाधिदेव महादेव की आराधना का माह सावन शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष है। सावन में भगवान की शिव की आराधाना के लिए श्रद्धालु, सोमवार का व्रत रहने के साथ, रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करते हैं और इस दौरान पूरे विधि-विधान से भोलेनाथ का पूजन किया जाता है।
महादेव की पूजा-अर्चना के दौरान लोग धतूरा, बेलपत्र, भांग के पत्ते, दूध, काले तिल और गुड़ आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। इस साल सावन का महीना जुलाई से शुरू हो रहा है और अगस्त में समाप्त हो जाएगा। इस एक माह में कुल 5 सोमवारी पड़ेगी। 18 जुलाई को पहली सोमवारी होगी। ऐसी आध्यात्मिक मान्यता है कि इस व्रत के करने से पुत्र एवं धन यश की प्राप्ति सहज रूप से होती है।
सावन का पहला सोमवार- 18 जुलाई 2022
सावन का दूसरा सोमवार- 25 जुलाई 2022
सावन का तीसरा सोमवार- एक अगस्त 2022
सावन का चौथा सोमवार आठ अगस्त 2022
सावन का पांचवां सोमवार 15 अगस्त 2022
मान्यता है कि गोधूलि बेला में भगवान शंकर पार्वती की विशेष आराधना पूजा की जाती है। आरोग्य प्राप्ति के लिए गंगाजल से कुश के अग्रभाग द्वारा रुद्राभिषेक करने का अत्यधिक महत्व है। पुत्र प्राप्ति के लिए गाय दूध से रुद्राभिषेक करना विशेष रुप से फलदाई होता है। वहीं सभी कार्यों की सिद्धि के लिए शहद से रुद्राभिषेक करने का विधान प्रचलित है। बताया कि आरोग्य रहने के लिए घृत से, लम्बी आयु की इच्छा वाले गाय दूध से, लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ना के रस से रुद्राभिषेक करने का विधान है। गंगाजल एवं गो दुग्ध की धारा से अभिषेक का विशिष्ट महत्व है।