Published on June 7, 2022 1:34 pm by MaiBihar Media

35 साल तक देश का सबसे लंबा पुल होने का गौरव पाने वाला महात्मा गांधी सेतु आज एक बार फिर से इतिहास बनाया। आज यानी मंगलवार से वह देश का दूसरा सबसे लंबा स्टील ब्रिज कहलाएगा। मंगलवार को इस सेतु का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया। यह सेतु उत्तर बिहार के हिस्सों को राजधानी पटना से जोड़ता है। इस सेतु के बन जाने से जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। साथ ही पटना से वैशाली की दूरी सिर्फ 15 मिनट में तय किया जा सकेगा। साइकिल यात्रियों और पैदल यात्रियों के लिए 3.75 मीटर चौड़क फुलपाथ बनाया गया है ताकि किसी भी यात्री को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। सेतु पर सोलर लाइट की व्यवस्था भी की गई है ताकि बिजली कटने पर सेतु जगमगाता रहे और यात्रियों को कोई दिक्कत न हो।

इस सेतु की क्या है खासियत
सबसे खास बात यह है कि पुल पर 5.7 किमी दूरी पर इंडिकेटर भी लगाया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से सेतु पर 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तय की गई है। 46 पिलर्स है, सभी पिलर्स के अलग-अलग रिपेयरिंग सेंटर है, जिसे 24536 नट-बोल्ट से कसा गया है। अच्छी बात यह है कि शॉकर के जगह बेयरिंग लगाया गया है ताकि खराब होने पर बदलना आसान रहेगा। ऊपर से स्टील का ऐसा स्ट्रक्चर बनाया गया है जो पुल का लोड कम करेगा। पुल में सीमेंट का बेस नहीं होने से सौ साल तक टिका रहेगा। देश के टॉप 10 पुल में से चार बिहार के ही हैं।

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कितनी लागत से बना है यह महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन
महात्मा गांधी सेतु को 13585 करोड़ की लागत से बना है। यह 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के तहत तैयार किया गया है। मंगलवार को एम जी सेतु ब्रिज के पश्चिम गंगा ब्रिज थाना के पास सैफपुर गांव में पुल के शुभारंभ को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया है। दिन में 11 बजे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हाथों लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया।

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