Published on April 30, 2022 12:28 pm by MaiBihar Media
अप्रैल के माह में ही बिहार भीषण गर्मी की चपेट में है। बचाव के लिए लोग एसी, फ्रिज व कुलर का इस्तेमाल कर रहे है। गर्मी के दिनों में इसके लिए 6200 से 6500 मेगावाट बिजली की जरूरत है। लेकिन, बिजली सप्लाई महज 4800 से 5200 मेगवाट के बीच है। जिससे परेशानियां बढ़ रही है। अपको बता दें कि पावर एक्सचेंज में बिजली की उपलब्धता नहीं है। नतीजा हर दिन 10 से 12 घंटे बिजली कटौती हो रही है।
ग्रामीण इलाकों के लोग भी परेशानी
इस कटौती से ग्रामीण इलाकों के लोगों की भी परेशानियां काफी बढ़ गई है। शाम में खाना बनाने और बच्चों के पढ़ने में भी अब लालटेन व इमरजेंसी लाइट का सहारा लेना पड़ता है।
147 प्लांट्स में कोयले का स्टॉक 24% कम
ताजा रिपोर्ट के अनुसार 147 नॉन पिटहेड बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक सामान्य स्तर करीब 57,000 टन से 24% कम यानी करीब 14,000 टन है। गुरुवार को देश की पीक डिमांड 204.65 गीगावॉट पहुंच गई। इससे पहले दो दिन आपूर्ति की तुलना में मांग 8 से 10 गीगावॉट कम रही। मई-जून में यह 215-220 गीगावाट पहुंच सकती है। इस बीच, एनटीपीसी ने कहा है कि उसके दादरी, ऊंचाहार संयंत्र 100% क्षमता से काम कर रहे हैं।