Published on December 22, 2021 11:32 pm by MaiBihar Media
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मोतिहारी के गांधी मैदान में दीप प्रज्ज्वलित कर समाज सुधार अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से आपने काम करने का मौका दिया है, हमलोग बिहार में लगातार विकास के काम कर रहे हैं। समाज के हर तबके के उत्थान के साथ-साथ समाज के हाशिए पर के व्यक्ति को मुख्य धारा में लाने के लिए काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी सशक्तीकरण से हीं समाज सुधार अभियान को सफल बनाया जा सकता है। जब 2005 में उनकी सरकार बनी तो राज्य में महिलाओं के कुछ ही स्वयं सहायता समूह थे। उनकी सरकार ने इसे जीविका नाम दिया। आज राज्य में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह हैं। इनसे 1 करोड़ 27 लाख महिलाएं जुड़ कर अपना जिविकोपार्जन कर रहीं हैं। जीविका मॉडल की सफलता को देखकर केंद्र ने इसका अवलोकन कर देश में इसे आजिविका के नाम से शुरू किया है।
सूबे के 11 जगहों पर होनेवाले समाज सुधार अभियान कार्यक्रम के पहले दिन मुख्यमंत्री समय से करीब 45 मिनट देरी से वाल्मीकि नगर से हेलिकॉप्टर से मोतिहारी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बाल उद्यान पहुंच कर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके उपरांत गांधी मैदान स्थित सभा स्थल तक पहुंचे। सभा स्थल के समीप लगी फोटो गैलरी का अवलोकन किया। इसके बाद मंच पर पहुंचे, जहां पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने पौधा भेंट तक सीएम का स्वागत किया। मंच पर मुख्यमंत्री के सामने जीविका दीदियों ने अपने अनुभव को साझा किया। इस दौरान उन्होंने परिजनों के द्वारा शराब पीने से उन्हें हुई परेशानी व परिजनों को जीविका के सहयोग से परिजनों का शराब छुड़वाने के बाद के लाभ को साझा किया। साथ ही बाल विवाह से उन्हें क्या दिक्कतें हुई व इससे कैसे उबरी। साथ ही दहेज के कारण उन्हें क्या परेशानी हुई इसको भी लोगों को बताया।
सीएम ने कहा कि शराब से 2000 तरह की बीमारियां होती है। लीवर सोराइसिस जैसी लाइलाज बीमारी का 48 प्रतिशत कारण शराब है। मुंह के कैंसर के 26 प्रतिशत, आंत के कैंसर का 12 प्रतिशत मामले का कारण शराब है। उन्होंने जीविका दीदियों को वर्ष 2018 में दी गई डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व में केवल एक वर्ष में शराब पीने से 80 लाख लोग मरे, जिनमें से 13.5 प्रतिशत मौत 20 से 39 साल के युवाओं की हुई। शराब पीकर इनमें से 18 प्रतिशत ने आत्महत्या कर ली। जबकि आपसी झगड़े का 18 प्रतिशत कारण शराब होता है। शराब के कारण प्रतिवर्ष 27 प्रतिशत लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कोई काम कीजिएगा तो कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं। किसी मजहब, धर्म के मानने वाले लोग हों पूरे इतिहास को उठाकर देख लीजिए, कितना भी अच्छा काम कीजिएगा कुछ लोग तो गड़बड़ी करेंगे ही। शराबबंदी का कितना असर पड़ा है, आप खुद ही देख लीजिए। 1 अप्रैल 2016 को पहले ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर हमलोगों ने रोक लगायी, जबकि शहरी इलाकों में विदेशी शराब बंद नहीं किया गया था। शहरों में महिलाएं, पुरुष, लड़के-लड़कियों ने शराब के आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद 5 अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई। आपको याद होगा कि पटना के गांधी मैदान में मानव श्रृंखला बनी थी, सभी ने शपथ ली थी। मीडिया के साथी जो हैं उनलोगों ने भी शपथ ली थी। बहनों की इच्छा से ये सारा काम हो रहा है। कितने लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया। कई लोग इधर-उधर करके शराब पी रहे हैं और उन्हें गलत चीजें मिलाकर पिलाये जाने से उनकी मौतें भी हो रही हैं। इस पर सोचिए की शराब कितनी बूरी चीज है।