Published on December 2, 2021 8:57 pm by MaiBihar Media
महत्वपूर्ण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सैपडील (Snapdeal) ने भारत में अपने लाखों यूज़र्स से उनकी मूल भाषाओं में जुड़ने के लिए मेड-इन-इंडिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo App पर लॉगिन किया है। देश में ई-कॉमर्स बाजार को ऑनलाइन खरीदारों की बढ़ती संख्या की वजह से नया स्वरूप मिला है। ये ख़रीदार छोटे भारतीय शहरों और कस्बों से जुड़े हैं, जिन्हें भारत भी कहा जाता है। इन ग्राहकों की विशेष जरूरतों ने इस क्षेत्र के विकास को तेजी से बढ़ावा दिया है और इसके साथ ही स्थानीय भाषा में सामग्री और जानकारी की मांग भी बढ़ी है। सैपडील (Snapdeal), विशेष रूप से दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों समेत भारत भर के यूज़र्स के साथ जुड़ने के लिए Koo App की बेहतरीन बहुभाषी सुविधाओं का लाभ उठाएगा और उनकी मातृभाषा में सेल, डील्स और अन्य घोषणाओं के ज़रूरी अपडेट्स देकर उनसे जुड़ेगा।
देसी भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक सोशल मीडिया मंच के रूप में Koo App वर्तमान में हिंदी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, बंगाली, असमिया, मराठी, गुजराती और अंग्रेजी समेत नौ भाषाओं में अपनी शानदार सुविधाएं प्रदान करता है। प्लेटफॉर्म पर फिलहाल यूजर्स की संख्या डेढ़ करोड़ से ज्यादा है और अगले एक वर्ष में इस माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म के डाउनलोड्स का आंकड़ा 10 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
Koo App पर अपना अकाउंट बनाकर स्रैपडील, तमाम आयु-लिंग-स्थान के इंटरनेट यूजर्स तक पहुंचने में सक्षम होगा ये इंटरनेट यूजर्स डिजिटल फर्स्ट अर्थव्यवस्था में अपनी मूल भाषा में ब्रांड्स के साथ जुड़ने की इच्छा रखते
हैं। सेपडील के ब्रांड मार्केटिंग निदेशक, सौम्यदीप चटर्जी ने कहा, “मोबाइल इंटरनेट एक्सेस ने दूरदराज की जगहों में रहने वाले लोगों तक पहुंचना और स्थानीय भाषाओं में उनके साथ बातचीत करना मुमकिन कर दिया
है। इसलिए तमाम भाषाओं में कंटेंट बनाने में वक्त देना और कोशिश करना ज़रूरी हो जाता है। Koo App जैसा
प्लेटफॉर्म हमें बड़े पैमाने पर स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव बनाए रखने में मदद करेगा।”
स्रेपडील (Snapdeal) का प्लेटफॉर्म पर स्वागत करते हुए Koo App के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा, “भारत के सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय ई-कॉमर्स दिग्गजों में से एक सैपडील को हम अपने प्लेटफॉर्म पर पाकर काफी खुश हैं। Koo App भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति का मौका देता है। हमारे ऑटो ट्रांसलेशन जैसे स्मार्ट फीचर्स, भाषा की जंजीरों को तोड़ते हुए, यूजर्स को एक-दूसरे से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हमें विश्वास है कि हमारे फीचर्स का फायदा उठाकर, सेपडील एक विशाल यूजर बेस के साथ सफलतापूर्वक जुड़ने में सफल होगा और कई भाषाओं में अपनी पेशकशों पर अधिक चर्चा को बढ़ावा दे सकेगा।”
Koo की स्थापना मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी और अब इसके डेढ़ करोड़ से ज्यादा यूजर्स हो गए हैं। इनमें काफी प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों के लोग, तमाम भारतीय भाषाओं में मौजूद इस मंच के जरिये मातृभाषा में अपनी अभिव्यक्ति कर सकते हैं। एक ऐसे देश में जहां भारत के सिर्फ 10% लोग अंग्रेजी बोलते हैं. एक ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की बेहद जरूरत है जो भारतीय यूजर्स को भाषा का व्यापक अनुभव दे सके और उन्हें जोड़ने में मदद कर सके। Koo भारतीय भाषाओं को पसंद करने वाले लोगों की आवाज़ के लिए एक मंच प्रदान करता है।