Published on November 30, 2021 11:03 pm by MaiBihar Media
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा कैंपस में शराब की बोतल मिलने के मामले पर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्यों ने खूब हंगामा किया। भोजनावकाश के बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा कैंपस में शराब की खाली बोतलें मिली हैं। यही हो रहा है। इसके दोषियों की पहचान होनी चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इसपर मुख्यमंत्री ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और डीजीपी एस.के. सिंघल अन्य अधिकारियों के साथ जांच के लिए विधानसभा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अपने कमरे में उन्हें पूरा मामले की विस्तृत जांच करने और एक-एक चीज को देखने की ताकीद की। इसके बाद मुख्य सचिव-डीजीपी ने विधानसभा सचिव शैलेन्द्र सिंह से मुलाकात भी की। बाद में उन्होंने जहां शराब की खाली बोतलें मिली, उस स्थल का भी निरीक्षण किया।
खाली बोतलें मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बेहद खराब बात है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ऐसा कैसे हो रहा है? बाद में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की सहमति के बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच का ऐलान किया। जांच की जिम्मेवारी मुख्य सचिव और डीजीपी को सौंपी गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे बुरा क्या हो सकता है कि विधानसभा कैंपस में बोतलें मिले। उन्हें तो पता ही नहीं था कि क्या बात हो रही है? उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से मामले की जानकारी ली। यह दुखद है। कोई गड़बड़ कर रहा है। स्पीकर यदि अनुमति दें तो वे इसकी पूरी जांच कराएंगे। एक-एक चीजें देखी जाएगी। आखिर यहां कैसे बोतलें आई? किसने लाया? सारी चीजों की जांच होगी। वे मुख्य सचिव-डीजीपी से पूरे मामले की जांच करवाएंगे। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने कहा कि शराब की खाली बोतल मिलने पर सरकार जांच कराएं लेकिन दोष छोटे अधिकारी-कर्मचारियों या सिपाही पर नहीं मढ़ा जाए, बल्कि बड़े लोगों पर कार्रवाई हो। तेजस्वी बार-बार उच्चस्तरीय जांच कराने और बड़े लोगों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। स्पीकर ने उनसे बार-बार शांत होने और विधायी कार्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन तेजस्वी मानने को तैयार ही नहीं थे। विपक्षी लगातार हंगामा करते रहे। मुख्यमंत्री की जांच की घोषणा के बाद ही वे शांत हुए। हालांकि तेजस्वी यादव ने इससे पहले सोशल मीडिया पर कई ट्विट कर सरकार को घेरा भी है।
स्पीकर ने विपक्ष के नेता को ही कटघरे में खड़ा किया और कहा कि जिस समय कानून बन रहा था तेजस्वी सरकार में थे और भाजपा विपक्ष में। उस समय हमने खाली बोतलों को लेकर संशोधन प्रस्ताव दिया था। यह आशंका थी कि किसी के घर पर शराब की खाली बोतलें मिल गयी तो क्या होगा? यह समस्या हो सकती है। लेकिन उस समय तो तेजस्वी माने नहीं। हालांकि स्पीकर ने कहा कि कैंपस में खाली बोतलें मिलना खतरनाक है। यह बेहद गंभीर मामला है। सरकार इसकी जांच कराए।
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने स्पीकर और विपक्ष के नेता से कहा कि कहा कि जिस समय कानून बन रहा था तब भी हम तीनों थे, लेकिन हमारी भूमिकाएं अलग थी। मैं विधानसभा अध्यक्ष था, तेजस्वी सरकार में थे और स्पीकर विजय सिन्हा तब विपक्ष में थे। आज मैं सरकार में हूं, तेजस्वी विपक्ष में और सिन्हा स्पीकर हैं। हमारी भूमिकाएं अवश्य बदली हैं, लेकिन हम शराबबंदी को लेकर संकल्पित हैं। चौधरी ने कहा कि विधानसभा कैंपस में शराब की बोतलें मिलना बेहद गंभीर मामला है। इसकी हर पहलु से जांच होगी। सरकार इसे हल्के में नहीं लेने वाली। उन्होंने विपक्ष के नेता के प्रति भी आभार व्यक्त किया और कहा कि वे शराबबंदी को लेकर इतने गंभीर हैं और सरकार के अभियान के साथ हैं।