Published on November 30, 2021 8:56 pm by MaiBihar Media
राज्यसभा में 12 सदस्यों को संसद के मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के लिए वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के दौरान निलंबित किया गया है। कल सरकार ने 12 सांसदों से माफी मांग लेने की मांग की तो सांसदों ने मांफी नहीं मांगी। वहीं, मंगलवार को भी इसपर हंगामा जारी है। इधर लोकसभा में कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगीत कर दिया गया है। वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!
पक्ष-विपक्ष की अलग-अलग हुई बैठक
सांसदों के निलंबन के बाद भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों ने संसद में बैठक की। बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मौजूद रहे। वहीं, इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राजनाथ सिंह, अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर सहित शीर्ष मंत्रियों के साथ जारी शीतकालीन सत्र की रणनीति पर चर्चा के लिए एक बैठक की। बावजूद इसके लोकसभा की कार्यवाही कांग्रेस के हो हल्ला के बाद दो बजे तक स्थगीत कर दिया गया।
निलंबन को रद्द करने के अनुरोध को खारिज
बैठक के बाद जैसे ही शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन शुरू हुआ तो कहा कि पक्ष- विपक्ष के बीच हंगामा होने लगा। वहीं, कांग्रेस समेत अन्य दलों ने मांफी नहीं मांगने पर अड़े रहे। इसपर वेंकैया नायडू ने 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। राज्यसभा में सांसदों के निलंबन पर भारी बवाल देखने को मिल रहा है। अगर निलंबव वापस नहीं हुआ तो विपक्ष राज्यसभा का आज बहिष्कार करेगा। इस बीच, विपक्ष के नेता आज वेंकैया नायडू से मिलने जा रहे हैं। नायडू से मिलने के बाद अगर निलंबन वापस नहीं होता है तो विपक्ष आज राज्य सभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर सकता है।
क्यों किया गया था निलंबित
आपको बता दें कि पहले दिन ही राज्यसभा में 12 सदस्यों को संसद के मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के लिए वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के दौरान निलंबित किया गया है। इनमें कांग्रेस के छह फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रुपिन बोरा, सैयद नासिर हुसैन, राजमणि पटेल, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस से दाे डोला सेन, शांता क्षेत्री, शिवसेना से दाे प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई, तथा माकपा के इलामारम करीब और भाकपा के विनय विश्वम हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा था। इन सदस्यों पर आरोप है कि मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान इन्होंने अमर्यादित आचरण व मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की की थी। विपक्षी नेताओं ने निलंबन को अनुचित और अलोकतांत्रिक करार दिया और आरोप लगाया कि कार्रवाई उच्च सदन के सभी नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।