Published on November 20, 2021 9:36 pm by MaiBihar Media
मधुबनी जिले (Madhubani, Bihar) के झंझारपुर कोर्ट के एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चेंबर में घुसकर थानेदार और दारोगा द्वारा मारपीट किए जाने की घटना की नेता प्रतिपक्ष ने निंदा की है। तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) ने सोशल मीडिया पर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। इधर थानाध्यक्ष ने नया बयान देकर पूरे मामले में नया मोड़ ला दिया है। वहीं, जज ने मारपीट की पूरी कहानी अपने एफआईआर में बयां किया है। आईए विस्तार से जानते हैं क्या है मामला और किसने क्या कहा…
क्या है मामला
गौरतलब है कि बिहार के मधुबनी जिले में थानेदार और दरोगा जज के चेंबर में घुस गये थे। दोनों ने पिस्टल की नोंक पर जज के साथ मारपीट की थी। शोर-शराबा सुनकर कोर्ट के वकील जज साहब के चेंबर की ओर दौड़े तो उनकी जान बची। वकीलों ने थानेदार औऱ दारोगा को कोर्ट में ही बंधक बना लिया। बता दें कि वर्दीधारियों की गुंडई के शिकार बने ये वही जज हैं जिन्होंने मधुबनी के एसपी सत्यप्रकाश को कानून की जानकारी न होने की कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजने का आदेश दिया था। फिलहाल IG, DM और SP घटनास्थल पर पहुंचे हैं इस पूरे मामले की जानकारी ले रहे हैं।
जज मामले में सरकार को घेर तेजस्वी ने बिहार पुलिस को बताया जेडीयू पुलिस
वीडियो को शेयर करते हुए तेजस्वी यादव ने पहले लिखा है कि “माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विधानसभा सदन के अंदर बिहार पुलिस अर्थात् जेडीयू पुलिस से माननीय विधायकों और पत्रकारों को पिटवाने के बाद पुलिस से न्यायालय में जजों के चेंबर में अब न्यायाधीशों को पिटवा रहे है। सुशासनी एनडीए सरकार से इससे ज़्यादा और क्या मंगलराज चाहिए आपको?”
थानाध्यक्ष ने बताई आपबित्ती
जज (Judge) के द्वारा एफाआईआर दर्ज कराने के बाद थानाध्यक्ष ने बयान देकर मामले में नया मोड़ ला दिया है। घायल थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने डीएमसीएच में इलाज के दौरान शुक्रवार को अपना फर्द बयान अंकित करवाया। उन्होंने बताया कि 16 नवंबर को मोबाइल नंबर 8709791359 से मेरे फोन नंबर 7991177571 पर न्यायायल के कर्मी अवकाश मिश्रा ने फोन कर 17 नवंबर 2021 को 11 बजे एडीजे प्रथम झंझारपुर के न्यायालय में आने के लिए गया था। उन्होंने बताया कि आप के विरुद्ध विधिक सेवा प्राधिकार में पक्षपात का आरोप है। आरोप दीपक राज ने लगाया है। मेरी ओर से अगले समय के लिए अनुरोध किया गया तो 18 नवंबर को 11 बजे बुलाया गया। 17 नवंबर को देसी चुलाई शराब के साथ 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसकी प्राथमिकी तथा अभियुक्तों के अग्रसारण की प्रक्रिया में समय लगने के कारण मेरे द्वारा न्यायालय के कर्मी अवकाश मिश्रा को फोन कर समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया। मैं अपने थाने के पुअनि अभिमन्यु कुमार के साथ करीब 14 बजे एडीजे प्रथम के न्यायालय में गया। आकाश मिश्रा के कहने पर अभिमन्यु कुमार शर्मा को बाहर ही छोड़ दिया। वहां शिकायतकर्ता दीपक राय उपस्थित थे।
थानाध्यक्ष ने कहा है कि मैंने न्यायाधीश का अभिवादन किया तो न्यायाधीश ने कहा कि तुमको यहीं रौंद देंगे। दीपक राज की ओर इशारा करके न्यायाधीश ने कहा कि तुम कितने पढ़े हो तो मैंने कहा- स्नातक तक पढ़ाई की है। इस पर न्यायधीश बोले कि दीपक इंजीनियर है। तुम उसको सर क्यों नहीं बोलते हो। तुम कल क्यों नहीं आए और इसके बाद उन्होंने अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया। वहीं, मना करने पर न्यायाधीश मुझे मारने लगे। न्यायाधीश के निर्देश पर दीपक राज व आकाश मिश्रा भी मारने लगे। आवाज सुनकर कोर्ट के कर्मी और वकील शंभू कुमार दास, शंकर कुमार दास, उदय शंकर तिवारी, आशुतोष कुमार यादव, मो. मुजफ्फर आलम, मितेश प्रशांत, शत्रुघ्न कुमार यादव, बसंत सिंह, राज कुमार चौधरी, बलराम साहु, अरुण कुमार झा सहित 15 से 20 अधिवक्ता समेत अन्य कर्मी मारपीट करने लगे। मुझे पीटता देख सहकर्मी पुअनि कुमार शर्मा कक्ष में आए तो उनके साथ भी मारपीट की।
न्यायाधीश के निर्देश पर अवकाश मिश्रा, दीपक राज, अधिवक्ता बलराम कुमार साहु, अधिवक्ता लक्ष्मेश्वर ने जान मारने की नीयत से मेरे गले में रस्सी डाल खींचने लगे तभी धक्का देकर किसी तरह इन लोगों से जान बचाते हुए मैंने शौचालय में घुस गया और दरवाजा बंद कर अपनी जान बचाई। पुअनि अभिमन्यू कुमार शर्मा का सरकारी रिवाल्वर भी छिन लिया गया। न्यायाधीश ने अपने कक्ष में मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज कराई। वरीय पदाधिकारी से बातचीत के बाद रात्रि लगभग 22 बजे हम दोनों को स्थानीय थाना को सौंपा गया। थानाध्यक्ष के कहने के बावजूद भी गिरफ्तारी मेमो पर रात्रि 22 बजे के स्थान पर दिन के 14:45 और 14:50 बजे का समय दिखलाया गया।
जज ने एफआईआर में बताई, हमले की कहानी
हमारा नाम अविनाश कुमार उम्र 45 वर्ष वर्तमान में मैं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर झंझारपुर न्यायालय में पदस्थापित हूं। 18.11.21 को दोपहर 2 बजे अपने चैंबर में अपना बयान स्वेच्छा से अंकित करता हूं कि 16.11.21 को मुझे घोघरडीहा थानाध्यक्ष के खिलाफ घोघरडीहा प्रखंड की भोलीराही निवासी उषा देवी ने मुझे बीते मंगलवार को एक आवेदन दिया। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि घोघरडीहा के थानाध्यक्ष ने उसके पति, ननद, वृद्ध सास व ससुर को झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया है। साथ ही, पति के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत की। शिकायत मिलने के बाद मैंने सत्यता जानने के लिए 16.11.21 को ही थानाध्यक्ष को पक्ष रखने की सूचना फोन पर दी। लेकिन, थानाध्यक्ष आने से टालमटोल करते रहे। इसके बाद थानाध्यक्ष को गुरुवार को 11 बजे आने का समय दिया गया। थानाध्यक्ष निर्धारित समय पर न आकर दोपहर 2 बजे मेरे चैंबर में पहुंचे। चैंबर में प्रवेश करते ही थानाध्यक्ष ऊंची आवाज में बात करने लगा। जब हमने शांति से बात करने को कहा तो उसने कहा कि हम इसी अंदाज में बात करेंगे। क्योंकि यही मेरा अंदाज है। इसी बीच थानाध्यक्ष ने गाली-गलौज शुरू करते हुए कहा कि तुम मेरे बॉस (एसपी साहब) को नोटिस देकर कोर्ट बुलाते हो।
आज तुम्हारी औकात बता देता हूं। इसी बीच थानाध्यक्ष का सहयोगी एसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा भी जबरन हमारे चैंबर में घुस आया। इसके बाद दोनों ने मिलकर मारपीट शुरू कर दी। जब हमने वरीय अधिकारियों से शिकायत की बात कही तो थानाध्यक्ष ने कहा कि एसपी साहब के आदेश व समर्थन मिलने के बाद ही आया हूं, तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाने। तुम हमारे साहब (एसपी डॉ. सत्य प्रकाश) को नोटिस भेजकर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश देते हो। साथ ही, मुझे भी नोटिस भेजते हो। तुम्हारी क्या औकात है यह आज हम तुम्हें बताते हैं। इतना कहते हुए थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने मारपीट शुरू कर दी। चैंबर में मारपीट शुरू होते ही थानाध्यक्ष के सहयोगी एसआई अभिमन्यु कुमार ने भी मारपीट शुरू कर दी।
इसी दौरान थानाध्यक्ष ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकालकर मुझ पर तानते हुए कहा कि आज मैं तुम्हें दुनिया से रुखसत (विदा) ही कर देते हूं। क्योंकि तुमने हमारे बॉस (एसपी साहब) को परेशान कर रखा है। बॉस के आदेश पर ही हम तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाने आए हैं। इसी बीच चैंबर में हल्ला सुनकर आस पास के वकील व कोर्ट कर्मी मेरे चैंबर में प्रवेश किए। अचानक से भीड़ बढ़ गई। इसी बीच किसी ने थानाध्यक्ष के हाथ से रिवॉल्वर छीन लिया। कोर्ट कर्मियों की भीड़ को देख थानाध्यक्ष व उनके सहयोगी हमारे बाथरूम में घुस कर दरवाजा अंदर से बंद कर लिए। स्थानीय पुलिस के आने के बाद दोनों बाथरूम से बाहर आए।