दीपोत्सव का पर्व दीपावली पर पर्यावरण संरक्षण का ख्याल रखें तथा दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। यह न सिर्फ हिन्दू मान्यताओं के लिए शुद्ध है बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे तो यह काफी फायदेमंद है। इसको लेकर पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि हर घर पर अगर सरसों तेल के दस मिट्टी के दीये एक घंटा भी जलाए जाएं तो हवा में 15 प्रतिशत तक प्रदूषण कम होगा। बीमारी फैला रहे आधे से अधिक मच्छर और कीटाणुओं का खात्मा होगा। मिट्टी के दीये दीपावली के दिए जलाना श्रेष्ठकर माना हैं।
हिंदू मान्यताओं से यह होगा फायदा
सबसे पहले बता दें कि हिंदू मान्यताओं में युगो-युगांतर से यह कहा जाता रहा है कि घर और मंदिर में घी का दीपक जलाते हैं। दिवाली पर घर के दरवाजे और नाली पर दीपक जलाए जाते हैं। इस मान्यता के पीछे यह बात है कि जब नाले पर दीए जलेंगे तो उसमें रहने वाले कीड़े जल जाएगें। वैसे दीप जलाना ही अपने आप में शुद्धता का प्रतीक है। लाइट के पास मच्छर बैक्टीरिया का आना आम बात है। अगर दीप जलता है तो कीड़े मकोड़े जल जाते है। सरसों तेल का दीया जलने से हवा को दूषित करने वाले सूक्ष्म कण जल जाते हैं। दीये की आगे से निकलने वाली आग और हल्का धुआं बैक्टीरिया को खत्म करता है। इसलिए घर से निकलने वाले गंदे पानी की जगह पर भी दीये जलाने की मान्यता है।
कौन लाइट है पर्यावरण के अनुकूल
पर्यावरणविद् और प्रोफेसरों का कहना है कि लोग केरोसिन के दीये जलाकर वातावरण को प्रदूषित करने में लगे हैं। दीपक की जगह रंग-बिरंगे बल्ब व झालर जलाकर घरों को सजाने लगे हैं। वहीं अब घर को सजाने के लिए बाजार में बिक रहे एलईडी लाइट ऊर्जा की बचत करने वाले उत्पादों में एक उपयोगी हैं। दिवाली पर एलईडी स्ट्रिप खरीद सकते हैं, जो उचित और पर्यावरण के अनुकूल भी होगा। इसे बनाने में गैलियम फास्फाइड का इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से कम ऊर्जा में भी अच्छा प्रकाश देता है और विश्वसनीय व टिकाऊ होता है।
आंखों के लिए खतरनाक है इलेक्ट्रॉनिक्स लाइट
आपको बता दें कि लाइट की क्वालिटी पर निर्भर करता है कि वह स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कितना प्रभाव डालती है। दिवाली जैसे पर्व के मौके पर ऐसी घटिया स्तर की लड़ियां और रंगीन लाइट आती हैं, जोकि आंखों पर संक्रमण पैदा कर सकती है। अधिकतर लाइटों में सिलिकोन चिप लगती है,जोकि हीट पैदा करती है। कमजोर तार गर्म होकर जहरीली गैस पैदा करती हैं। इस्तेमाल करने के बाद इनका वेस्ट कूड़े में जलता है तो और भी खतरनाक होता है। ई-वेस्ट बड़ी समस्या पैदा हो रही है।