Published on October 28, 2021 9:39 pm by MaiBihar Media

आमतौर पर फेसबुक चलाने वाला यूजर्स सिर्फ यही जानता हैं कि लाइक इमोजी के अलावे फेसबुक ने कई अन्य तरह के इमोजी की सुविधा दी है। चलिए जानते हैं कि आखिर लाइक और अवसद वाले इमोजी में किससे ज्यादा कामाई होती है। ये इमोजी किसी भी पोस्ट को वायरल भी कर देते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से………….. 

फेसबुक कंपनी की लीक हुई खुफिया दस्तावेज

खुद को अव्वल सोशल मीडिया साइट और एप के रूप में स्थापित करने के लिए फेसबुक ने कई तरह से फॉर्मूलों का उपयोग किया है। कंपनी के लीक हुए खुफिया दस्तावेज से उजागर हुआ है कि इंजीनियरों ने ऐसा एल्गोरिदम विकसित किया, जिससे कि गुस्से और अवसाद वाले इमोजी पोस्ट करने पर पांच प्वाइंट और लाइक के लिए केवल एक प्वाइंट दिया जाता था। बताया जा रहा है कि ये सबकुछ फेसबुक ने अपने न्यूज फीड के लिए किया। पांच साल पहले से फेसबुक ने इसे शुरू किया था प्रयोग और आज भी फेसबुक पिछले पांच साल से अपने यूजर्स के लिए इस फॉमूले पर काम कर रहा है।

फेसबुक के इस फॉर्मूले से एप की बढ़ती है लोकप्रियता

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गौरतलब हो कि फेसबुक के इंजीनियरों का मानना था कि गुस्से और इससे जुड़े इमोजी किसी भी लाइक के इमोजी से ज्यादा वायरल होते हैं। साथ ही एप को ज्यादा लोकप्रिय बनाया जा सकता है। लोग इमोजी के जरिए ज्यादा समय तक एप पर समय बिताते हैं। देखने में आया है कि फेसबुक के इस फॉर्मूले से एप की लोकप्रियता में तो इजापा हुआ लेकिन समाज से जुड़े कई मामलों पर लोग तीखी प्रतिक्रिया भी देने लगे। इसमें हाल के दिनों में अमेरिका में हुए कई मामले शामिल है। जैसे ट्रम्प का चुनाव अभियान और रंगभेद विरोध आंदोलन। 

लोगों के पोस्ट फेसबुक के इस एल्गोरिदम वाले फॉर्मूले के कारण नेगिटिव इमोजी से बहुत ज्यादा वायरल होने लगे लेकिन इससे फेसबुक पर हेट स्पीच का ट्रेंड भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि यूजर्स को एल्गोरिदम के कारण निगेटिव पोस्ट पर ज्यादा लोकप्रियाता मिलने लगी है। इसको लेकर फेसबुक की व्हिसल ब्लोअर फ्रांसिस होगेन ने भी सीनेट में अपनी पेशी के दौरान बताया था कि फेसबुक का एल्गोरिदम जनहितों को ताक पर रखता है।  इससे निगेटिव न्यूज फीड कंटेट को और ज्यादा वायरल किया जाता है। लेकिन इससे समाज में वैमनस्य बढ़ने के दुष्प्रभावों के बारे में फेसबुक ने काेई ध्यान तक नहींं देना उचित समझा।

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