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Published on October 18, 2021 9:21 pm by MaiBihar Media

भाजपा के वरिष्ठ नेता और मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को अपने ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में किसानों का समर्थन किया और गैर-कश्मीरियों को आतंकियों द्वारा निशाना बनाने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। बताते चले कि मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे। इसी दौरान राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करके दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था।

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के घटना पर खुल कर बोले मलिक

पार्टी की आलोचनाओं को लेकर सुर्खियों में रहने वाले मलिक ने आज खुल कर कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल था तब कोई आतंकी श्रीनगर की 50-100 किलोमीटर सीमा में घुस नहीं सकता था, लेकिन अब हालात अलग हैं। श्रीनगर में आतंकी गरीबों को मार रहे हैं, यह दुखद है।’  मालूम हो कि मलिक न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि बिहार के भी राज्यपाल रहे हैं।

किसानों के हित में एमएसपी की गारंटी की मांग की

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इसके साथ ही मलिक ने एकबार फिर से कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर किसानों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “किसानों से ज्यादती हो रही है। फसल बुवाई का समय है और वे दिल्ली में पड़े हैं। सरकार को उनकी सुनवाई करनी चाहिए।’ इस सवाल पर कि क्या किसानों का पक्ष लेने के लिए वे राज्यपाल का पद छोड़ेंगे, मलिक ने कहा, “मैं तो उनके साथ ही खड़ा हूं, पद छोड़ने की जरूरत नहीं है। अगर जरूरत पड़ेगी तो पद छोड़ दूंगा।’  साथ ही कहा, “अगर केंद्र सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दे तो मैं यह मसला सुलझा दूंगा। किसान एमएसपी से कम पर किसी भी सूरत में मानेंगे नहीं।’

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देशभर में किसान आंदोलन का मिलाजुला दिखा असर

बता दें कि आज संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सुबह दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक रेल रोको आंदोलन देशभर में आयोजित किया गया। इसके अंतर्गत किसानों ने लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग की। इस आंदोलन का असर कई जगहों पर अधिक दिखा तो कई जगहों पर मिलाजुला असर रहा। हालांकि उत्तर रेलवे ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते आठ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया तो एक ट्रेन को रद्द करना पड़ा। वहीं, पूरे देशभऱ में तीस तरह की सेवाएं प्रभावित हुई।

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