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भारत-चीन सीमा विवाद के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया। उनके दौरे पर चीन ने आपत्ति जाहिर की है। चीन की इस आपत्ति पर बुधवार को भारत ने भी करारा जवाब भी दिया है। बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। दोनों देशों के बीच 3,500 किमी लंबी सीमा है। सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच 1962 में युद्ध भी छिड़ चुका है।

वहीं, हाल के दिनों में चीनी सैनिक भारतीय सीमा को पार कर अरुणआचल में आ गएथे। जन्हें भारतीय सेनाओं ने खदेड़ डाला। इसके बाद 13 वें दौर की वार्ता भी हुई थी, लेकिन सैन्य वार्ता नाकाम रही।

भारत ने चीन के आपत्ती पर क्या दिया जवाब

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बहरहाल, उपराष्ट्रपति के दौरे पर चीन की आपत्ती पर जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “भारत के एक राज्य में देश के एक नेता के जाने पर चीन की आपत्ति बेवजह और भारतीय नागरिकों के समझ से परे है। हमने चीन के आधिकारिक प्रवक्ता की तरफ से आए बयान को देखा है। हम ऐसी बातों को खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।’

नायडू के दौरे के बाद क्या बोला चीन

आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति नायडू 9 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित भी किया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजयान ने कहा, “सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। चीनी सरकार कभी भी भारतीय पक्ष द्वारा एकतरफा और अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देती है और संबंधित क्षेत्र में भारतीय नेताओं की यात्राओं का कड़ा विरोध करती है।

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