Published on October 13, 2021 5:01 pm by MaiBihar Media
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 13 अक्टूबर को ‘मेगा गतिशक्ति मास्टर प्लान’ योजना का अनावरण किया। यह प्लान मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बेहतर करने और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करेगा। दरअसल, समग्र योजना को संस्थागत रूप देकर विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के मुद्दे के समाधदान कके लिए पीएम-गतिशख्ति परियोजना की शुरुआत की गई है। बता दें कि इस योजना का अनावरण करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए रूप से बन रहे प्रगति मैदान इलाके के मॉडल का निरीक्षण किया। साथ ही संबोधन में विपक्षियों पर निशाना भी साधा।
अनावरण के बाद अपने संबोधन में कहा कि पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गति शक्ति देगा। अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और ‘मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी’ को इस राष्ट्रीय योजना से गति शक्ति मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम, अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है।
राजनीतिक दलों पर कसा तंज
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत सरकारी व्यवस्थाओं की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। हमने ना सिर्फ़ परियोजनाओं को तय सीमा में पूरा करने का ‘वर्क कल्चर’ विकसित किया बल्कि आज समय से पहले परियोजनाएं पूरा करने का प्रयास हो रहा है। इसस दौरान प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। ये उनके घोषणापत्र में भी नज़र नहीं आता। अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में गर्व करते हैं।
पीएम ने मेट्रो के विस्तार पर दी जानकारी
आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे स्किल मैनपावर के बिना हम किसी भी क्षेत्र में ज़रूरी परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते हैं, वैसे ही आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना हम चौतरफा विकास नहीं कर सकते हैं। 2014 से पहले मेट्रो लगभग 250 किलोमीटर ट्रैक पर ही चल रही थी। आज 700 किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है और एक हज़ार किलोमीटर पर नए मेट्रो रूट का काम चल रहा है। 2014 से पहले के 5 सालों में सिर्फ़ 3,000 किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था। बीते 7 साल में हमने 24 हज़ार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है।
16 मंत्रालय मिलकर करेंगे काम
107 लाख करोड़ की इस परियोजना में रेलवे और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर हवाई सफर के लिए एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, वाटर वेज, शहरों में स्मार्ट कनेक्टिविटी, ई-हाइवे जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। परियोजना में पेट्रोलियम, रेलवे, उड्डयन, ऊर्जा, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल जैसे 16 मंत्रालयों को शामिल किया गया है। योजना में 2020-21 तक निर्मित सभी प्रोजेक्ट्स की डिटेल है। 16 विभागों की सभी केंद्रीय परियोजनाओं के साथ फीड किया गया है, जिनकी 2025 तक कल्पना की गई है।