Published on September 29, 2021 8:53 am by MaiBihar Media

मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी कांग्रेस की विचारधारा को समर्थन देने की घोषणा की। दोनों नेताओं ने कांग्रेस का दामन दामने के साथ मीडिया कर्मियों को संबोधित किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कन्हैया कुमार ने कहा कि देश को ‘बचाने’ के लिए सबसे पुरानी पार्टी को मजबूत करना जरूरी है। कांग्रेस पार्टी एक बड़ा जहाज है। छोटी नावें तभी सुरक्षित रहेंगी, जब कांग्रेस बची रहेगी। बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कन्हैया भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थे। वे बिहार के बेगुसराय से भाजपा के गिरिराज सिंह के खिलाफ लड़े थे, लेकिन हार गए थे।

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वहीं मेवाणी गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट से निर्दलीय चुने गए थे। वे राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेवाणी ने कहा कि चूंकि वे अब भी निर्दलीय विधायक हैं, इसलिए तकनीकी कारणों से कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकते। हालांकि गुजरात का अगला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ेंगे। यही नहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की सभी गतिविधियों में शामिल होंगे।

कन्हैया के जाने से भाकपा खत्म नहीं हो जाएगी
कन्हैया के पार्टी छोड़ने पर भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि उसने खुद पार्टी छोड़ी है। भाकपा वर्गविहीन और जातिविहीन समाज के लिए संघर्ष करती रही है। कन्हैया की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा रही होगी। कन्हैया का जाना बताता है कि उसे कम्युनिस्ट और मजदूर वर्ग की विचारधारा में उनका विश्वास नहीं है। भाकपा कन्हैया के आने के पहले से मौजूद थी और उसके जाने के बाद भी रहेगी, खत्म नहीं हो जाएगी। इसके पहले 16 सितंबर को कन्हैया कुमार के कांग्रेस में जाने की खबर को भाकपा के महासचिव डी. राजा ने खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि कन्हैया पूरी मजबूती के साथ पार्टी के साथ जुड़े हैं।

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