कन्हैया कुमार के कांग्रेस का दामन थामने के साथ ही भाजपा की ओर से लगातार बयानबाजी की जा रही है। एक तरफ जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने भी तंज कसा है। कहा है कि पश्चिम बंगाल, असम, मध्य प्रदेश, यूपी तक कई राज्यों में कांग्रेस के जिस पुराने-डूबते जहाज को छोड़ कर लोग तेजी से सुरक्षित जलयानों में छलांग लगा रहे हों और जिस पार्टी की बुजुर्ग कप्तान कामचलाऊ हो, उसे बचाने के लिए कुछ नौसिखिये भर्ती किये जा रहे हैं।
कांग्रेस ने जिन्हें बाजे-गाजे के साथ शामिल किया, उनमें से एक कल तक जेएनयू में “भारत तेरे टुकड़े होंगे” के नारे लगवा रहे थे और आतंकी अफजल गुरु को फांसी देने वाली न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे। कांग्रेस ने फिर साबित किया कि वह सत्ता के लिए आतंकियों और देश-विरोधी ताकतों के साथ है।
मंगलवार को ट्वीटर पर मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने 15 साल राज किया, किंग-मेकर रहे और उनकी पार्टी 10 साल तक यूपीए सरकार में मलाई काटती रही। लेकिन तब उनकी नजर रेलवे के होटल के बदले या मंत्री बनवाने के एवज में जमीनें लिखवाने पर थी, जनहित के काम पर नहीं। उस समय वे बिहार को केंद्र से जो नहीं दिलवा पाए, आज उन बातों की मांग कर उनकी पार्टी मसीहा बनने का नाटक कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्हें तो जनता पहले ही खारिज कर चुकी है। राजनीतिक बियावान में भटकते कन्हैया को यह पता चल गया कि वे जिस विचारधारा के साथ थे, वह कितनी अप्रासंगिक हो चुकी है। जिसकी नैया बेगूसराय की जनता ने लोकसभा में डूबा दिया था वो दूसरे डूबते नैया पर सवार हो रहे हैं। वे जो राजनीतिक यात्रा करना चाह रहे हैं वो इस देश में संभव नहीं है। बेगूसराय में जिस विचारधारा के साथ लड़े थे उसे वहां की जनता ने ही खारिज कर दिया। इसीलिए बुरी तरह से पराजित हुए। कांग्रेस डूबती हुई नाव है, जिसपर वो जा रहे हैं।
मंत्री मंगलवार को भाजपा दफ्तर में सहयोग कार्यक्रम में आम लोगों की समस्या सुनने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार की तस्वीर बदली है और इस क्रम में पिछले 15 साल में स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में सकारात्मक काम हुआ है। राज्य के विकास के बारे में केन्द्र का रवैया सकारात्मक रहा है। हर सेक्टर में केन्द्र से विशेष सहयोग मिला है और आगे भी मिलता रहेगा। आज सूबे का स्वास्थ्य सेक्टर पूरी तरह बदल गया है।