Published on September 25, 2021 8:46 am by MaiBihar Media

बेगूसराय जिले के बखरी में देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में मध्याह्न भोजन कर्मचारी यूनियन ने जुलूस निकाला। स्थानीय अंबेडकर चौक से प्रारंभ होकर मुख्य बाजार होते हुए सार्वजनिक नव दुर्गा स्थान परिसर में जाकर जुलूस को संपन्न किया। इस दौरान रसोईया संघ ने अपनी मांगों को तख्ती पर लिख जमकर प्रदर्शन किया। जुलूस का नेतृत्व कर रहे एसयूसीआई के जिला प्रभारी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार रसोईया को बंधुआ मजदूर दी है। इन्हें बेहद ही कम मजदूर दी जाती है, जो श्रम कानून का एक जिता जागता उल्लंघन है।


केंद्र सरकार भी पूंजीपितियों के हाथों में बेंच रही देश
धरना को संबोधित करते हुए संघ के सदस्यों ने कहा कि केंद्र सरकार हमारे देश में काले कानून के तहत सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को पूंजीपतियों के हाथ में बेचकर देश में मंहगाई और बेरोजगारी लाने का काम कर रही है। इन लाचार मजदूरों के बारे में सहानुभूतिपूर्वक सरकार को विचार करना चाहिए।

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आशा ने भी मांगों को लेकर दिया धरना
वहीं भगवानपुर में बिहार चिकित्सा व जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ बिहार के आह्वान पर शुक्रवार को प्रखंड के सभी आशा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर रही। हड़ताल को लेकर आशा ने पीएचसी के समक्ष संघ के प्रखंड अध्यक्ष के नेतृत्व में धरना भी दिया। धरना के दौरान अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग कर रही थी।


फाइलेरिया उन्मूलन अभियान पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
आशा व अन्य कर्मियों के हड़ताल में रहने के कारण फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम प्रखंड क्षेत्र में प्रभावित रहा। आशा कर्मी को स्थायी कर्मी का दर्जा देने, 21 हजार रुपए मासिक मानदेय देने, पिछले बकाए का शीघ्र भुगतान करने, सरकार के द्वारा देय एक हजार की राशि की कटौती पर रोक लगाने,पीएचसी में आशा के लिए विश्राम की व्यवस्था करवाने आदि मुख्य मांग को लेकर हड़ताल पर रही।

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