Published on September 1, 2021 10:37 pm by MaiBihar Media

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने आरएसएस (RSS) की तुलना तालिबानियों से की, जिसके बाद बिहार की राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई। मालूम हो कि राजद कार्यालय में आज पार्टी के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की बैठक को जगदानंद सिंह संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में आरएसएस तालिबानी हैं। वो दाढ़ी काटते हैं, चूड़ी बेचने वाले और पंक्चर बनाने वाले को मारते हैं। इन सबके खिलाफ लालू यादव ने लंबी लड़ाई लड़ी और संघर्ष किया है। यही कारण है कि उन लोगों ने धार्मिक उन्मादियों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए लालू प्रसाद को जेल में डलवा दिया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल बताये जाने पर भी तंज कसा।

जगदानंद सिंह ने कहा, आजकल पीएम मैटेरियल की चर्चा की जा रही है जिसका सही अर्थ कुछ और है। मटेरियल का मतलब होता है पदार्थ। पदार्थ कहीं भी उलट-पुलट सकता है। लेकिन वह लालू प्रसाद यादव नहीं बन सकता। किसी का व्यक्तित्व नहीं बदलता। हमारी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव इंसान है, पदार्थ नहीं है। वो इंसानों की फिक्र करते हैं। वहीं, अब भाजपा ने जगदानंद सिंह के बयान पर पलटवार किया है।

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भाजपा ने कहा है कि जगदानंद ने अपनी मानसिक संतुलन खो दिया है। लालू परिवार की भक्ति, पुत्र मोह और वोट बैंक की राजनीति करने में जगदानंद इतना नीचे गिर जाएंगे, यह किसी ने नहीं सोचा होगा। पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील मोदी ने कहा कि लालू-राबड़ी के कुशासन में बंदूक के बल पर अपहरण उद्योग चला, 100 से ज्यादा नरसंहार हुए और महिलाएं घर से निकलने में डरती थीं। शिक्षा चौपट थी। विकास ठप था। लालू ने अपने दौर में बिहार को आज के अफगानिस्तान जैसा ही बना दिया था। लालू के जेल जाने पर उनकी खड़ाऊं सरकार चलाने वाले जगदानंद को राजद में छिपा तालिबान क्यों नहीं दिखा? सच तो यह है कि राजद के छोटे राजकुमार की इच्छा के मुताबिक काम करने और बड़े राजकुमार से लगातार अपमानित होने के दबाव में जगदानंद मानसिक संतुलन खो रहे हैं। इसलिए वे हिंसा में विश्वास करने वाले बर्बर तालिबानियों की तुलना आरएसएस से कर रहे हैं।

वहीं, भाजपा प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह (Arvind Kumar Singh) ने कहा है कि जगदानंद सिंह की सोच और बोल दोनों हिटलर जैसी हो गयी है। दरअसल वे जैसा अन्न खाएंगे, वैसा ही मन होगा। सच तो यही है कि वे राजद की विकृत संस्कृति का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। इसीलिए तो राष्ट्रवादी संगठन भी उन्हें तालिबान नजर आता है।

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