Published on September 20, 2021 8:45 am by MaiBihar Media
पंजाब में दो दिनों की मथा-पच्ची के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री मिल ही गया और कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लग गई। इधर, नवजोत सिंह सिद्धू गुट को जोर का झटका लगा है। मालूम हो कि रविवार शाम को चरणजीत सिंह चन्नी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए तय हो गया।
दो बन सकते हैं उपमुख्यमंत्री
जानकारी के मुताबिक चरणजीत सिंह सोमवार की सुबह 11 बजे पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। खबरों की मानें तो जातिगत समीकरण को साधने के लिए कांग्रेस दो उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है। इस पद के लिए अरुणा चौधरी और भारत भूषण आशु के नाम चल रहे हैं। फिलहाल बताते चलें कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर चन्नी का नाम का तय होने की जानकारी दी।
कौन हैं चन्नी
बता दें कि चमकौर साहिब विधानसभा सीट से विधायक चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब सरकार में तकनीकी मंत्री रह चुके हैं। रामदसिया सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चन्नी वर्ष 2017 में 49 साल की उम्र में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। वह पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।
कांग्रेस ने चला बड़ा दाव
गौरतलब हो कि पंजाब में अगले साल के शुरू में चुनाव को देखते हुए चन्नी का चुनाव कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है। क्योंकि वे दलित वर्ग से आने वाले प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं। साथ ही वो सिख भी हैं। पंजाब में इन्हीं दोनों समुदायों की आबादी सबसे ज्यादा है, जिन्हें चन्नी के जरिए कांग्रेस ने साधने की कोशिश की है।
कैसे हुआ चुनाव
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से नवजोत सिंह सिद्धू से विवादों के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद रविवार को दिनभर सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू के नाम की चर्चा चलती रही। हरीश रावत और केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन तथा हरीश चौधरी कांग्रेस विधायकों से बातचीत कर एकराय बनाने की कोशिश करते रहे। इस बीच बुजुर्ग नेता अंबिका सोनी के मुख्यमंत्री पद की पेशकश ठुकराने की खबर भी आई। उन्होंने किसी सिख को ही मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की। आखिरकार शाम को विधायक दल की बैठक में फैसला चन्नी के पक्ष में हुआ।