Published on September 20, 2021 9:32 pm by MaiBihar Media
पंजाब के मुख्यमंत्री बनते ही चरणजीत सिंह चन्नी ने बिजली, पानी बिल माफ करने का एलान किया। साथ ही केंद्र द्वारा लाये गए तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग दुहरायी। इस दौरान चन्नी ने कहा कि हाइकमान से 18 कामों की सूची मिली है, इन्हें इसी बाकी कार्यकाल में पूरा करना है। इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने पर आपत्ति जताई है। बता दें कि मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्री रंधावा और सनी ने भी शपथ लिया।
केंद्र के साथ आम आदमी पार्टी पर हमला
गौरतलब हो कि अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने केंद्र सरकार के साथ-साथ आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा। चन्नी ने खुद को ‘आम आदमी’ बताया और कहा, ‘मैं गरीबों का प्रतिनिधि हूं। अब से प्रदेश में आम आदमी का शासन लागू हो गया है।’ इस बयान के जरिए उन्होंने जता दिया कि वे ‘आप’ (आम आदमी पार्टी) की चुनौती को गंभीरता से ले रहे हैं। क्योंकि पंजाब में जमीन तलाश रहे आम आदमी पार्टी की नीति है कि ‘आप’ के चुनावी वादों की तर्ज पर बिजली, पानी के बकाया बिल माफ करना। लिहाजा, आम आदमी पार्टी ने चन्नी के बयान को गंभीरता से लिया है।
रेखा शर्मा ने जताई आपत्ति
वहीं, चरणजीत सिंह के मुख्यमंत्री बनते ही राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आपत्ति जताई। उन्होंने आगे कहा कि 2018 में एक महिला आईएएस अफसर ने चन्नी पर अनुचित मैसेज भेजने के आरोप लगाए थे। मी-टू के ऐसे आरोपों में घिरे नेता को मुख्यमंत्री जैसा पद देना शर्मनाक है।
अब भी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं
बहरहाल, चन्नी की सरकार बनने के बावजूद कांग्रेस में अभी सब ठीक नहीं लगता। मिसाल के तौर पर सोमवार को ही पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने राज्य के प्रभारी हरीश रावत के बयान पर नाराजगी जता दी। रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘अगला विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।’ इस पर जाखड़ ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण के दिन हरीश रावत का बयान चौंकाने वाला है। उनके इस बयान से मुख्यमंत्री का अधिकार कमजोर होने की संभावना है।’