Published on August 22, 2021 8:19 pm by MaiBihar Media
अभी भी देश में कोरोना महामारी का संकट बना हुआ है। उधर कोरोना को लेकर घरेलू क्रिकेट के आयोजन के लिए बीसीसीआई की कुछ खास चिंता तक नहीं रही है। युवाओं को नजरअंदाज करने वाली बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट के नए सीजन का शेड्यूल तो घोषित कर दिया है। हालांकि अभी तक इसके लिए किसी तरह की एसओपी नहीं बनाई है। न ही बायो-बबल की व्यवस्था की है। जबकि बीसीसीआई ने यूएई में आईपीएल फेज-2 के लिए खास एसओपी के साथ ही बायो-बबल की सुविधा उपलब्ध कराई है। ऐसे में सवाल उठने शुरू हो चुके है। घरेलू क्रिकेट आयोजन को लेकर इधर खिलाड़ियों को लेकर प्रशंसकों में चिन्ताएं जताई है क्योंकि खिलाड़ियों को वैक्सिनेशन कराने जिम्मेदारी से एसोसिएशन ने भी कन्नी काट ली है।
गौरतलब हो कि घरेलू सीजन 20 सितंबर से शुरू होने वाला है। राज्य एसोसिएशन के सूत्रों के अनुसार, अभी तक राज्यों के युवा खिलाड़ियों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। देशभर के करीब 3 हजार युवा खिलाड़ी बिना वैक्सीनेशन के घरेलू क्रिकेट में खेलने को मजबूर हैं। बीसीसीआई के पास तैयारी के लिए एक महीने का ही समय बाकी है। लेकिन अंडर-16 और अंडर-19 टूर्नामेंट में शामिल होने वाले खिलाड़ियों के लिए भी बोर्ड ने अभी तक कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल जारी नहीं किए हैं, जबकि घरेलू सीजन की शुरुआत अंडर-19 पुरुष-महिला टूर्नामेंट से ही होनी हैं।
मालूम हो कि बी टीम को घरेलू क्रिकेट के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस टीम के पास अत्याधुनिक रूप की कोई सुविधाएं नहीं है। महामारी का डर खिलाड़ी और एसोसिएशन सभी को है, लेकिन सबने चुप्पी साधी हुई है। उधर आईपीएल के लिए बोर्ड की ए टीम यूएई में काम कर रही है। जिसके पास तमाम सुविधाएँ है, ऐसे में घरेलू क्रिकेट को लेकर सवाल उठने लाज़मी है।
खबर यह भी है कि घरेलू टूर्नामेंट खेलने के लिए राज्यों के खिलाड़ी तैयार हैं। लेकिन कोरोना से बचने के लिए उन्हें वैक्सीन लगवानी है। खिलाड़ियों के वैक्सीनेशन के लिए राज्य संघ जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। इस बाबत संघ ने कहा है कि खिलाड़ी अपना वैक्सीनेशन खुद करवाएं। बीसीसीआई ने भी वैक्सीनेशन के लिए राज्य संघों को शामिल होने के लिए नहीं कहा है। जबकि इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम के लिए बीसीसीआई ने वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध कराई थी।