Published on August 16, 2021 1:06 pm by MaiBihar Media
आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है। उनके पुण्यतिथि की याद में अटल समाधि पर कार्यक्रम भी आयोजित किए गए है। इस कार्यक्रम में अटल स्मृति स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर पहुंचे और वहां आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति, गृहमंत्री अमित शाह तथा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद है। दूसरी ओर अटल बिहारी वाजपेयी को कई अन्य नेता सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने लिखा है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, श्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि पर नई दिल्ली में उनकी समाधि, ‘सदैव अटल’ पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि हम उनके गर्म व्यक्तित्व को याद करते हैं, हम उनके प्यारे स्वभाव को याद करते हैं, हम उनकी बुद्धि और हास्य को याद करते हैं, हम राष्ट्रीय प्रगति में उनके योगदान को याद करते हैं। अटल जी हमारे देशवासियों के दिल-दिमाग में रहते हैं। आज उनकी पुण्य तिथि पर सदाव अटल के पास जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा है कि भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन का क्षण-क्षण भारत को परम वैभव के शिखर पर ले जाने हेतु समर्पित रहा। अटल जी जैसे बहुआयामी व्यक्तित्व वाले जननेता को पाकर भारतीय राजनीति धन्य हुई है। उनका मूल्यों व आदर्शों आधारित जीवन हम करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए एक अनमोल धरोहर है। आगे लिखा है कि आदरणीय अटल जी ने अपने दृढ़ निश्चय व दूरदर्शिता से देश में सुशासन व विकास को चरितार्थ कर हर भारतवासी के जीवन को स्पर्श किया साथ ही पूरे विश्व को अटल भारत के साहस व सामर्थ्य से परिचित कराया। ऐसे महान युग मनीषी श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उनके चरणों में कोटिशः वंदन।
उनके जीवन की बात करें तो पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। दिल्ली के एम्स अस्पताल 16 अगस्त,2018 को निधन हो गया था। अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के बटेश्वर था। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से उन्होंने अध्ययन किया। उनके पिता का नाम कृष्णा वाजपेयी था, वह एक स्कूल मास्टर और कवि थे। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी भी अपने पिता की ही तरह बेहद अच्छे कवि बने। यदि उनके पूरे जीवन पर नजर डालें तो वो राजनीति, कविता तथा सादगी के बीच गुजरा।
प्रधानमंत्री के रुप में वे पहले 16 मई से एक जून 1996 तक, तथा फिर 1998 मे और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रधर्मऔर वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। 2009 तक उत्तर प्रदेश जब स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हुए। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी हिंदी में संयुक्त राष्ट्र विधानसबा में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे, जब उन्होंने चार अक्टूबर 1977 को हिंदी में भाषण दिया था तो यूएन तालियों से गूंज उठा था।