Published on August 13, 2021 11:20 am by MaiBihar Media

गुजरात

दुनियाभर में कोरोना को मात देने के लिए जहां कोरोना की टीका की कमी पड़ रही है, वहीं गुजरात से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि एक कर्मचारी ने कोरोना की टीका नहीं लगवाने के लिए अनुमती मांगी है। इस बाबत कोरोना टीका लगवाने से इंकार करने पर वायुसेना ने इस कर्मचारी को बर्खास्त किया है। यह जानकारी गुजरात हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दी गई। वायुसेना अधिकारी योगेंद्र कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल (एएसजी) देवांग व्यास पेश हुए। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बलों में सभी का टीकाकरण अनिवार्य सेवा शर्त में शामिल है।

व्यास ने देश से वायुसेना के केवल नौ कर्मचारियों ने टीकाकरण से इंकार किया है। इनमें से एक को सेवा शर्तों का उल्लंघन के लिए बर्खास्त कर दिया गया है। उसने कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया। वह राजस्थान का है। वहीं, याचिकाकर्ता वायुसेना अधिकारी योगेंद्र कुमार के संबंध में एएसजी ने कहा, ‘कुमार ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। इसलिए वह उचित सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) में अपील कर सकते हैं।’ इस पर जस्टिस एजे देसाई और एपी ठाकर की बेंच ने वायुसेना को निर्देश दिया कि कुमार के खिलाफ एक महीने तक कार्रवाई न की जाए। उनके मामले में नए सिरे से विचार किया जाए। बेंच ने कुमार को एएफटी में अपील दायर करने को कहा है।

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दरअसल, पूरा मामला यह था कि वायुसेना के कमांडिंग ऑफिसर योगेंद्र कुमार ने टीका न लगवाने की अनुमति के लिए आवेदन दिया था। इसमें कहा था, “मैं आयुर्वेद में इलाज संभव न होने या आपात स्थिति में ही एलोपैथी दवाओं को अपनाता हूं। मेरी चेतना टीकाकरण की अनुमति नहीं देती। मुझे कोरोना टीकाकरण से छूट दी जाए।’ वायुसेना ने उनके इस अनुरोध को ठुकराते हुए इस साल फरवरी में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद वे सीधे हाईकोर्ट में चले गए थे। वायुसेना ने उनकी तरह ही टीका न लगवाने वाले कर्मियों को नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा है कि क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर दी जाए?

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