Published on August 11, 2021 9:07 pm by MaiBihar Media
अफगानिस्तान और तालिबान के बीच जारी जंग कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार इस जंग में तेजी देखी जा रही है। ताजा मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में तालिबान एक के बाद एक प्रांतों पर नियंत्रण करने के बाद राष्ट्रपति अब्दुल गनी ने सेना प्रमुख जनरल वली मोहम्मद अहमदजई को बर्खास्त कर दिया है। उनकी जगह पर जनरल हैबतुल्ला अलीजई को सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है। वहीं, वित्त मंत्री खालिद पायेंदा इस्तीफा देने के बाद देश छोड़कर भाग गए हैं।
दूसरी ओर खबर आ रही है कि तालिबानी आतंकी नौ प्रांतों की राजधानियों सहित देश के 65 फीसदी इलाके पर कब्जा करने के बाद राजधानी काबुल की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जानकारों के मुताबिक तालिबान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की रणनीति पर काम कर रहा है। तालिबानी आतंकी आईएसआई के निर्देशन में मजार-ए-शरीफ पर बम बरसा रहे हैं। उनका अगला निशाना देश की राजधानी काबुल है। कुंदुज एयरपोर्ट पर स्थानीय सेना मुख्यालय को भी आतंकियों ने कब्जे में ले लिया है। वहीं, अब अफगान की सुरक्षा तालिबानी हमलों के सामने बेबस नजर आ रहे हैं और सरेंडर कर रहे हैं। तनावपूर्ण हालात के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी मजार-ए-शरीफ के दौरे पर थे। तब वहां उन्होंने अफगानिस्तान का बूढ़ा शेर कहे जाने वाले अब्दुल रशीद दोस्तम से मुलाकात की है।
आपको बता दें कि कार्यकारी वित्त मंत्री खालिद पायेंदा राष्ट्रपति भवन के बढ़ते दबाव के बीच इस्तीफा दे दिया है। साथ ही वे देश के बाहर भी चले गए है। उनके वापस आने की संभावना नहीं है। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा है कि वे निजी प्राथमिकताओं के कारण पद छोड़ दिया है और उनके जगह उपमंत्री काम देखेंगे। मालूम हो कि तालिबान ने अब तक निमरूज प्रांत की राजधानी जारंज में भी तालिबान का कब्जा हो गया है। जारंज शहर अफगानिस्तान में भारत का प्रवेश द्वार माना जाता है। भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के रास्ते शहर होते हुए मध्य एशिया के तेल और गैस समृद्ध देशों तजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान से जुड़ने का सपना देखा था। भारत नए सिल्क रोड के लिए जारंज को हब बनाना चाहता था।