Published on August 9, 2021 9:51 pm by MaiBihar Media
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज बैठक हुई। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने समुंद्री सुरक्षा का विस्तार : अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मसले पर कहा कि समुद्र हमारी विरासत है और समुद्री रास्ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन है। ये महासागर हमारे ग्रह के भविष्य के लिए बहुत महत्व रखते हैं। हमारी ये साझा विरासत कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। आतंक को बढ़ावा देने के लिए समुद्री मार्गों का दुरुपयोग किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि हमारे क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर एक समावेशी फ्रेमवर्क तैयार हो।
आगे उन्होंने कहा कि फ्रेमवर्क SAGAR(सिक्यूरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन रिजन) पर आधारित हो। ये दृष्टिकोण सुरक्षित और स्थिर समुद्री मार्ग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिब्ध है। हमें समुद्री व्यापार की बाधाओं को समाप्त करना होगा। हमारी समृद्धि सुचारू समुद्री व्यापार पर निर्भर करती है। इसमें किसी भी तरह की बाधा हमारे भविष्य के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकती है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस बैठक में तय हुआ कि पांच सिद्धांतों पर अमल करना होगा।अगर समुद्री मार्गों को सुचारू रूप से चलाना है तो पांच सिद्धांतों पर अमल करना होगा–
- समुद्री व्यापार में पैदा होने वाली बाधाओं को हटाना होगा जिससे वैध व्यापार को स्थापित किया जा सके।
- समुद्री विवादों का निपटारा शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक किया जाना चाहिए।
- जिम्मेदार समुद्री कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- नॉन स्टेट एक्टर्स और प्राकृतिक आपदाओं द्वरा पैदा की गई समुद्री चुनौतियों का सामना एक साथ मिलकर किया जाना चाहिए
- हमें समुद्री पर्यावरण और संसाधनों का संरक्षण करना होगा।
आपको बता दें कि सुरक्षा परिषद में यह बहस ऐसे समय में हो रही है, जबकि भारतीय नौसेना अगस्त की शुरुआत में दो महीने से अधिक समय के लिए दक्षिण चीन सागर, पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण पूर्व दक्षिण पूर्व एशिया जल क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के युध्दपोतो से युक्त एक नौसैनिक कार्य समूह तैनात कर रही है। जिसका उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में अपनी स्थिति को मजबूत करना है।