Published on August 24, 2021 4:13 pm by MaiBihar Media
प्रकृति और हरियाली से दूरी जिंदगी पर कितना बुरा असर करते हैं यह जानते हुए भी लोग महानगरों में रहने को मजबूर हैं। आए दिन सुविधाओं के लिए पेड़-पौधों की कटाई हो रही है हालांकि इसे देखते हुए लंदन की एक यूनिवर्सिटी ने रिसर्च किया है। इस रिसर्च के नतीजे में बताया गया है कि हरियाली शारीरिक विकास के लिए फायदेमंद है। साथ ही मानसिक विकास में हरियाली के अहम भूमिका भी है।
हरियाली के बीच रहने का सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इससे तन और मन दोनों को लाभ मिलता है। अब ऐसे माहौल का बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक अध्ययन किया गया है। जिसका दावा है कि पेड़ पौधों के समीप रहने से बच्चों का मस्तिष्क विकास बेहतर होता है। इससे न सिर्फ उनका दिमाग तेज हो सकता है बल्कि भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का खतरा भी कम हो सकता है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने कहा है कि अध्ययन के नतीजे से शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने संबंधी निर्णय लेने में मदद मिल सकते हैं। यह निष्कर्ष लंदन के 31 स्कूलों में पढ़ने वाले 9 से 15 साल की उम्र के 3568 बच्चों के डाटा के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है। बच्चों की उम्र का यह एक ऐसा दौर होता है, जब उनमें सोचने समझने और विचार करने की क्षमताओं का विकास होता है।
वही हरियाली को लेकर नेचर सस्टेनेबिलिटी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में शहरों की प्राकृतिक माहौल का बच्चों के मस्तिष्क विकास, मानसिक सेहत व स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुल प्रभाव पर गौर किया गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक रोजाना हरियाली के बीच अधिक समय रहने वाले बच्चों में मस्तिष्क विकास ज्यादा बेहतर पाया गया है। ऐसे बच्चों में भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का खतरा भी 16 फ़ीसदी कम पाया गया है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ता मिकेल मेस ने कहा है कि पूर्व के अध्ययनों से जाहिर हो चुका है कि शहरी माहौल में हरियाली का मस्तिष्क विकास और मानसिक सेहत पर सकारात्मक संबंध होता है।