Published on August 24, 2021 4:13 pm by MaiBihar Media

मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में सरकार द्वारा कहा गया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत के कारण एक भी मौत नहीं हुई थी। यह बयान हैरान करने वाला है और अब इसको लेकर कांग्रेस ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया है। साथ ही कांग्रेस ने सदन में मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस लाने को भी कहा है। इसको लेकर देश की विपक्षी पार्टियां सरकार पर तंज कस रही हैं।

वहीं, इस मामले पर शिवसेना नेता संजय राउत ने हमला बोला है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि मेरे पास शब्द नहीं हैं। आखिर इस तरह का बयान सुनकर उनके परिजनों पर क्या गुजरी होगी, जिनकी मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हो गई थी? सरकार के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए। वे झूठ बोल रहे हैं। वहीं, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि क्या वे लोग आत्महत्या कर लिये?

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कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने राज्यसभा में सवाल उठाया कि क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम नहीं तोड़ गए ? इस सवाल का जवाब केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को लिखित दिया जिसमें कहा गया है कि दूसरी लहर में विशेष रुप से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत की जानकारी नहीं दी है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत के कारण एक भी मौत नहीं हुई थी।उन्होंने आगे कहा कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की डिमांड अत्यधिक हो गई थी। महामारी की पहली लहर के दौरान, ऑक्सीजन की मांग 3095 मीट्रिक टन थी। जबकि दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई थी। जिसके बाद से सरकार विवादों में घिरती नज़र आ रही है

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