Published on August 24, 2021 4:13 pm by MaiBihar Media

भारत में कई पत्रकारों और चर्चित हस्तियों के फोन की जासूसी का मामला सुर्खियों में है। जिसके कारण भारत में एक बार फिर से पेगासस स्पाइवेयर की चर्चाएं बढ़ गई हैं। बता दें कि पेगासस को इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है। बांग्लादेश समेत कई देशों ने पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है। हालांकि, भारत के बारे में आधिकारिक तौर पर यह जानकारी नहीं है कि सरकार ने एनएसओ से पेगासस को खरीदा है या नहीं!

इस जासूसी मामले में राहुल गांधी, प्रशांत किशोर जैसे कई अन्य नेताओं व 40 पत्रकारों के फोन टैपिंग करने की खबर ने सभी को चौका दिया। राहुल गांधी ने कहा है कि मुझ पर भी पेगासस से हमला हुआ है। मैंने आठ से नौ नम्बर बदल दिए और डिवाइस तक को भी चेंज किया ताकि जासूसों से बच सकूं। सदन के पहले दिन इस मामले पर सरकार के आईटी मंत्री ने सफाई भी पेश की। दरअसल, जासूसी मामले में सरकार घिरती नज़र आ रही है। हाल में आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया भर की धार्मिक हस्तियां, शिक्षाविद, एनजीओ कर्मी, सरकारी अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा कुछ देशों के कैबिनेट मंत्री, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक शामिल हैं।

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पेगासस को लेकर भारत से पहले भी विवाद उठे हैं। पिछले दिनों मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब की सरकार तक पर इसके इस्तेमाल को लेकर विवाद उठ चुका है। और तो और व्हाट्सएप के स्वामित्व वाली कंपनी फेसबुक समेत कई दूसरी कंपनियों ने इस पर मुकदमे किए हैं।

वही एमएसओ ने पहले खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज किए हैं। कंपनी दावा करती रही है कि वह इस प्रोग्राम को केवल मान्यता प्राप्त सरकारी एजेंसियों को बेचती है। इसका उद्देश्य है “आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लड़ना। हालिया आरोपों को लेकर भी एनएसओ ने ऐसे ही दावे किए हैं।”

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सभी सरकारें भी जाहिर तौर पर बताती हैं कि इसे खरीदने के लिए उनका मकसद सुरक्षा और आतंकवाद पर रोक लगाना है। लेकिन कई सरकारों पर पेगासस के मनचाहे इस्तेमाल और दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। गौरतलब हो कि एक रिपोर्ट के मुताबिक पेगासस से जुड़ी जानकारी पहली बार 2016 में संयुक्त अरब अमीरात के मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद मनसूर की बदौलत मिली। उन्हें कई ऐसे एसएमएस प्राप्त हुए थे जो उनके मुताबिक संदिग्ध थे। उनका मानना था कि उनमें लिंक गलत मकसद से भेजे गए थे। उन्होंने अपने फोन को टोरंटो विश्वविद्यालय के सिटीजन लैब के जानकारों में दिखाया। उन्होंने एक अन्य साइबर सुरक्षा फॉर्म लुकआउट से भी मदद ली। साथ ही अन्य कई रिसर्च किये और तब जाकर उन्होंने पेगासस के बारे में खुलासा किया।

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आपको बता दें कि पेगासस एक स्पाइवेयर है। जिसे इसराइल साइबर सुरक्षा कंपनी एनएस को ग्रुप टेक्नोलॉजीज ने बनाया है। यह एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे अगर किसी स्मार्टफोन में डाल दिया जाए तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्स्ट मैसेज ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है। साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्काई की एक रिपोर्ट के अनुसार पेगासस आपको एनक्रिप्टेड ऑडियो सुनने और एनक्रिप्टेड संदेशों को पढ़ने लायक बना देता है। पेगासस के इस्तेमाल से हैक करने वाले को उस व्यक्ति के फोन से जुड़ी सारी जानकारी आसानी से मिल सकती हैं।

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