Published on August 24, 2021 4:12 pm by MaiBihar Media
वाद-विदाद के बाद और मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। माना जाने लगा कि नए आईटी कानून को लेकर रविशंकर प्रसाद सोशल मीडिया कंपनियों के सामने देश की साख बचाने में नाकाम रहे और इसी वज़ह से उनकी मंत्रालय से विदाई हुई और आखिरकार ट्वीटर ने भारत के नए आईटी नियमों को मान लिया है। कंपनी ने भारत में अपना रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त किया है।
ट्विटर ने अधिकारिक वेबसाइट पर नए नियम को मानते हुए एक जानकारी साझा की है। जिसमें ट्वीटर ने बताया है कि उसने विनय प्रकाश को शिकायत अधिकारी बनाया है। सरकार ने 25 फरवरी को नए कानून लागू किए थे। इन नियमों के तीन महीने के भीतर यानी 25 मई से पहले पालन किया जाना था, लेकिन ट्विटर ने डेडलाइन ख़त्म होने के 46 दिन बाद इन नियमों का पालन किया है। इससे पहले 27 जून को टेविटर इंडिया के अंतरिम शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जबकि उनकी भी नियुक्ती नए आईटी नियमों के अनुसार ही हुई थी।
मालूम हो कि नए निमों के तहत 50 लाख से अधिक प्रयोगकर्ताओं वाली सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महत्त्वपूर्ण नियुक्तियाँ करनी है। जिनमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करने की ज़रूरत है। ये तीन अधिकारी भारत के निवासी होने चाहिए। पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट और संसदीय समिति ने ट्वीटर से साफ़ शब्दों में कह दिया था कि देश का कानून सबसे ऊपर है और उसे मानना ही होगा।
बता दें कि वाद-विवाद में फंसा ट्वीटर ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि हम आईटी नियमों के मुताबिक भारत में एक संपर्क कार्यालय बनाने की तैयारी कर रहे हैं। प्रक्रिया पर तेजी से काम किया जा रहा है। यह कार्यालय हमारा स्थायी संपर्क होगापूर्व में कानून नहीं मानने को लेकर ट्वीटर ने बारत में थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए लीगल शील्ड को खो दी थी। यानी सरकार की तरफ़ से उसे कंटेंट को लेकर किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। अर्थात् ट्वीटर के ऊपर आईपीसी की धाराओँ के तहत कार्यवाही हो सकती है। अब जब ट्विटर ने कानून को मानना शुरु कर दिया है तो ऐसे में सरकार इसपर हो सकता है कि दोबारा विचार कर सकती है।