Published on September 14, 2022 1:42 pm by MaiBihar Media
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भारत के पोषण सुधार के लिए बायोफोर्टिफिकेशन विषय पर आयोजित कर्मशाला का उद्घाटन कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मक्का व चावल से इथेनॉल बनाना मानवता के खिलाफ है। एक ओर बिहार में खाद्यान्न संकट है दूसरी ओर पूंजीपति लोग गाड़ी में तेल भरवाने के लिए इथेनॉल बनवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है। किसान का अनाज 1950 की जगह 1650 रुपए प्रति क्विंटल बिकता है। 300 रुपए बिचौलियों को कमीशन में चला जाता है। राज्य में तीन कृषि रोड मैप बीत गए, लेकिन इससे किसानों को फायदा नहीं पहुंचा। कृषि से आय में विकास की कोई गारंटी नहीं मिली। इसलिए चौथा कृषि रोड मैप क्यो।
नीति निर्धारित करने वाली संस्थाओं को समाज पर बोझ नहीं बनना चाहिए
मंत्री ने कहा कि नीति निर्धारित करने वाली संस्थाओं को समाज पर बोझ नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसाधनों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। रिसर्च ऐसा हो जिससे जनता पर बोझ नहीं पड़े। बढ़ती आबादी और घटते खेती का जोत को कृषि के लिए चुनौती है। कृषि वैज्ञानिकों को उत्पादकता पर जोर देना चाहिए। जलवायु परिवर्तन के बावजूद उत्पादन कैसे बढ़े इसपर विशेषज्ञों को रिसर्च करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत ऐसे लोग है जो जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को सोचना चाहिए और ऐसे लोगों को संतुलित कैलोरी लेने पर प्रेरित करना चाहिए। तब ही हब खाद्य सुरक्षा की गारंटी दे सकते हैं। कुछ लोग खाद्य सुरक्षा कानून के खिलाफ है उनका कहना है कि मजदूरों को खाद्य सुरक्षा मिल जाएगा तो सस्ता श्रम कहां से मिलेगा। बिना संसद के पास किए बिना मोडिफाइड बीज के काम करने वाले कंपनियों पर सरकार को कार्रवाई करना चाहिए।
किसानों को सम्मान पूर्वक एक कप चाय तक नहीं पिलाते डीएम
मंत्री ने कहा कि बिहार के डीएम राज्य के किसानों की समस्या होने पर प्रतिनिधिमंडल से कभी नहीं मिलते हैं, अगर मिलते भी है तो कभी किसान को सम्मान पूर्वक एक कप चाय तक नहीं पिलाते हैं। जिन किसानों को धान की अच्छी खेती करनी होती है वे बिहार राज्य बीज निगम से धान का बीज नहीं लेते हैं। अगर किसी कारणवश ले भी जाते हैं तो उसे अपने खेतों में नहीं डालते। बीज निगम के बीजों पर भरोसा नहीं करते हैं। 2006 में कृषि मंडी कानून खत्म हो गया पर बिहार में कोई आंदोलन नहीं हुआ।
कृषि विभाग का कोई अंग नहीं जो चोरी नहीं करता, कृषि मंत्री के नाते मैं चोरों का सरदार
इसके पहले सोमवार को कैमूर में कृषि मंत्री ने कहा था कि बिहार बीज निगम के अधिकारी और कर्मचारी ही 150 से 200 करोड़ रुपए की चोरी कर लेते हैं। कृषि विभाग का कोई ऐसा अंग नहीं है, जो चोरी नहीं करता है। विभाग का मुखिया होने के नाते मैं चोरों का सरदार हूं। उन्होंने लोगों से कहा कि आपलोग मेरा पुतला फूंकते रहिए। पुतला नहीं फूंकिएगा तो लगेगा कि सब ठीक चल रहा है।