Published on February 23, 2022 12:34 pm by MaiBihar Media
हिजाब मामले में चल रही सुनवाई के बीच मंगलवार काे कर्नाटक सरकार ने हाई काेर्ट में कहा, हिजाब पहनना संवैधानिक नैतिकता और व्यक्तिगत गरिमा की उस कसाैटी पर खरा नहीं उतरता जाे सुप्रीम काेर्ट ने सबरीमाला मामले में तय की थी। एडवाेकेट जनरल प्रभुलिंग नवादगी ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इस फैसले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने माना है कि व्यक्तिगत गरिमा संरक्षित बुनियादी अधिकार है। एेसे में सार्वजनिक स्थलाें पर धर्म पर संवैधानिक अादेश के द्वारा शर्तें लागू हाेनी चाहिए। चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस जेएम खाजी और केएम दीक्षित की बेंच मंे हिजाब पर राेक के विराेध में उडुपी की छात्राअाें की याचिकाअाें पर सुनवाई चल रही है।
बेंच ने कहा इस सप्ताह सुनवाई पूरी करना चाहती है
बेंच ने कहा कि इस सप्ताह सुनवाई पूरी करना चाहती है। एजी ने कहा िक याचिकाकर्ता यह नहीं बता पाए हैं कि हिजाब पहनना इस्लाम का अभिन्न अंग है और इसलिए उन्हें संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षण नहीं मिल सकता। हिजाब पहनने का अधिकार अनुच्छेद 19(1) (ए) के तहत है। यह अनुच्छेद 25 के तहत नहीं है। काेई हिजाब पहनना चाहता है ताे यह संस्थान के अनुशासन के अधीन है। माैजूदा मामले में शिक्षण संस्थान में हिजाब पर राेक है, बाहर कहीं नहीं। राज्य अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान प्रबंधन फेडरेशन की याचिका पर एजी ने कहा कि राज्य गैर सहायता प्राप्त संस्थानाें में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है।
याचिकाकर्ता का आराेप, भाई पर हमला हुआ
हिजाब पर राेक काे चुनाैती देने वाली याचिकाकर्ताओं में से एक छात्रा ने अपने भाई और पिता पर हमले अाैर उनके हाेटल में ताेड़फाेड़ का अाराेप लगाया है। उन्हाेंने कहा, हिजाब पहनने के अधिकार के लिए संघर्ष करने पर साेमवार रात उनके हाेटल काे नुकसान पहुंचाया गया। मालपे थाने में मामला दर्ज किया गया है।
हिजाब के विराेध में प्रदर्शन, 12 विहिप कार्यकर्ता गिरफ्तार
गुजरात के सूरत में एक स्कूल में कुछ लड़कियाें के हिजाब पहनने के विराेध में प्रदर्शन कर रहे विहिप के 12 कार्यकर्ताअाें काे गिरफ्तार किया गया है। ये स्कूल के परिसर में जमा हुए थे। हिजाब पहने लड़कियां स्कूल की छात्रा नहीं थीं बल्कि परीक्षा के लिए पहुंचीं थीं।