Published on December 10, 2021 8:31 pm by MaiBihar Media
वर्ष 2021 का अंतिम माह दिसंबर चल रहा है। 13 दिन तक वैवाहिक के साथ-साथ हर तरह के शुभ कार्य होंगे। वहीं 16 दिसंबर से खरमास का आरंभ होते ही मांगलिक कार्यों के अलावा यज्ञोपवित्र संस्कार, गृहप्रवेश, वास्तु शांतिपूजन पर ब्रेक लग जाएगा। अलग-अलग पंचांगों की गणना बाद 16 दिसंबर की दोपहर भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। भगवान सूर्य का इस पक्ष (कृष्ण व शुक्ल) में आने वाले तीन रविवार सभी ग्रह के लोगों के लिए भय व कष्टकारक होगा।
इसका कारण मूल नक्षत्र में धनु राशि में भगवान सूर्य का प्रवेश बताया जा रहा है। जानकारों ने बताया कि दक्षिण भारत के पंचांग में दोपहर 12:27 में भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे, यानि दोपहर से सभी तरह के शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। इधर दूसरी तरफ तीन, पांच, 12, 14 और 18 दिसंबर सवार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग है। सभी पंचांग 14 दिसंबर की रात्रि को खरमास का समापन बता रहे है। महावीर पंचांग में रात्रि 08:34 में खरमास खत्म होगा। भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।
16 दिसंबर से लगेगा मलमास
इस साल का आखिरी मुहूर्त 13 दिसंबर को है। 16 दिसंबर से मलमास लगने के चलते मांगलिक कार्य एक माह प्रतिबंधित रहेंगे। इसके बाद सीधे नए साल में 22 जनवरी को पहला मुहूर्त मिलेगा। ऐसे में साल के आखिरी 4 मुहूतों में शादियों की खूब धूम रहने वाली है। वहीं, अगले साल में शादी की तारीखें तय करने वाले आयोजकों के मन में कोरोना के नए वैरियंट से पाबंदियों का डर भी सता रहा है। कोरोना को लोगों ने पूरी तरह भुला दिया है। ऐसे में आशंका है कि जल्द ही शादियों सहित सार्वजनिक आयोजन में दी छूट पाबंदियों में तब्दील हो जाए।
13 दिसंबर को इस साल का आखिरी लग्न
13 दिसंबर को इस साल का आखिरी लग्न होगा। वहीं अगले साल 15 जनवरी के बाद ही लग्न शुरू होंगे। लेकिन जनवरी व फरवरी माह के वैवाहिक लग्न को लेकर अभी से ही सारे रिसोर्ट, धर्मशाला व मैरिज गार्डन बुक हो गए हैं। हालांकि कोरोना के नए वैरियंट के कारण जनवरी फरवरी में वाली शादियों को लेकर शादी के आयोजक असमंजस की स्थिति में दिख रहे हैं। रिसोर्ट संचालकों के अनुसार आयोजक बुकिंग के दौरान रिटर्न की बात भी पूछने लगे हैं। दिसंबर और जनवरी में फिर से कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका डब्ल्यूएचओ जता रहा है। ऐसे में लोगों को डर है कि कहीं सरकार शादियों में पाबंदियां फिर से ना लगा दे और मेहमानों की संख्या सीमित कर दे।